रायपुर. राज्य सरकार ने ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स को बड़ी राहत दी है। सरकार इनके लिए वन टाइम सेटलमेंट लेकर आई है। जिसमें 2013 से पहले का बकाया टैक्स ब्याज समेट माफ कर दिया गया है। जो करीब 221 करोड़ रुपये है। जबकि 2013 से 2018 तक पेनाल्टी में छूट दी गई है। जो करीब 110 करोड़ रुपये है। इस तरह ट्रांसपोर्टर्स को सरकार ने 331 करोड़ की राहत दी है। मंदी के दौर में ट्रांसपोर्टर्स के लिए ये बड़ी सौगात है।
दरअसल 2013 तक के परिवहन विभाग के टैक्स के रिकॉर्ड मैन्युअल थे। जिनका कोई अता-पता नहीं था लेकिन इसे लेकर ऑडिट की बार-बार आपत्ति आ रही थी। बताया जाता है कि जिन गाड़ियों का टैक्स बकाया था, उनमे से कई कंडम हो चुकी थी और कई राज्य के बाहर चली गयी थीं। इसे देखते हुए परिवहन, वन, विधि एवम पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर वन टाइम सेटलमेंट का प्रस्ताव मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समक्ष रखा जिसे बघेल ने मंजूरी दे दी। इसके बाद इस पर मंत्रिमंडल ने अपनी मुहर लगाई। इसके बाद सरकार ने अधिसूचना लाकर इसे लागू करने जा रही है।
इस योजना का लाभ ट्रांसपोर्टर 30 सितम्बर तक उठा सकते हैं।हालांकि इसके बाद सरकार चाहे तो 6 महीने के लिए और बढ़ा सकती है। अकबर ने बताया कि जिन ऑपरेटर्स का 1 अप्रैल 2013 से 31 दिसम्बर 2018 के दौरान का टैक्स जिन ट्रक और बस ऑपरेटर्स पर बकाया है वो 2 अप्रैल 2020 से 30 सितम्बर 2020 तक इसका भुगतान करके इस योजना का लाभ ले सकते हैं। अकबर ने बकायेदारों से ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में इस योजना का लाभ लेने की अपील की है।
गौरतलब है कि ट्रक को हर तीन महीने में और बसों को हर महीने टैक्स जमा करना होता है। समय से भुगतान न करने पर 1 साल में टैक्स के बराबर पेनाल्टी देना होता है। और 6 महीने पर उसपर 20 प्रतिशत की दर से ब्याज लगता है।
बताया जा रहा है कि बस और ट्रक ट्रांसपोर्टर्स पर टैक्स के रूप में सरकार के करीब सैकड़ो करोड़ रुपये की अनुमानित राशि फंसी थी। टैक्स की मूल राशि यथासमय वसूली करने में पूर्ववर्ती सरकार के असफल रहने के कारण, टैक्स की मूल राशि के अलावा उस पर ब्याज और पेनाल्टी को मिलाकर वसूली योग्य राशियाँ बहुत अधिक हो गई थीं। उम्मीद की जा रही है कि इस योजना से सालों से बकाया राशि का एक बड़ा हिस्सा सरकारी ख़ज़ाने में आ जायेगा।