गोविंद पटेल, कुशीनगर. विधानसभा हाटा से भाजपा विधायक मोहन वर्मा के भतीजे का एक अभिभावक को गालियां और धमकी देने का ऑडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. जिसमें अभिभावक का कुसूर सिर्फ इतना है कि वह रास्ते से गुजरते समय प्राथमिक विद्यालय में पढ़ रही अपनी बेटी के हाथ में अध्यापिका (विधायक की बहू) का बच्चा देख स्कूल में दाखिल हो नाराजगी जाताया. इसके बाद शिक्षिका और अभिभावक में बहस हुई फिर वह अपने घर चला गया. जब या मामला विधायक के भतीजे को पता चली तो उसने छात्र के अभिभावक फोन कर थानेवाला बन विधायक का रौब दिखाते हुए खूब भद्दी-भद्दी गालिया और धमकी देने लगा. वहीं इस पूरे मामले पर विधायक अपने भतीजे का बचाव में नई कहानी सुनाने लगे.

हाटा विधानसभा के भाजपा विधायक के भतीजे का 11 अक्टूबर को एक दलित व्यक्ति को फोन पर धमकी और गाली देने का आर्डिओ खूब वायरल हुआ. जब हमने इसकी पड़ताल की तो सामने आया कि पूरा मामला हाटा क्षेत्र के पिपरा कपूर (पचफेड़वा) प्रार्थमिक विद्यालय से जुड़ा हुआ है. जहां पर हाटा विधायक मोहन वर्मा के भाई की पुत्रवधू संगम वर्मा पढ़ाती हैं. विद्यालय पर मस्जिदियां के रहने वाले दलित श्रवण प्रसाद की बेटी भी पढती है. 10 अक्टूबर को श्रवण स्कूल के बगल से गुजरने वाले रास्ते से घर जा रहा था. तभी उसने देखा उसकी बेटी किताबों की जगह मैडम के बच्चे को लेकर परेशान थी. जिस पर उसे गुस्सा आया और वह स्कूल के अंदर जाकर अपनी बेटी को डांटना लगा साथ शिक्षकों को भी फटकार लगाई उस वक्त वह अपने मोबाइल का वीडियो कैमरा ऑन मोड में रखा था. शिक्षकों को बेटी के हाथों में फिर किताबों की जगह बच्चा न देने की हिदायत दे घर चला आया.

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शाम को जब यह बता विधायक के भतीजे को पता चली तो उसने अभिभावक को फोन किया. जब दूसरी तरफ श्रवण ने फोन उठाया तो विधायक के भतीजे ने खुद को थाने से बोलने की बात कहते हुए स्कूल पर जाने का कारण पूछा. अभी श्रवण यह बात पता की उसकी बेटी के हाथों में किताबों की जगह मैडम का बच्चा था. तभी विधायक का भतीजा श्रवण को मां बहन की गालियां देने लगा. वहीं विधायक के भतीजे ने कहा कि वह प्राथमिक विद्यालय विधायक की बहू का हैं. हाटा में आओ जहां विधायक तुम्हें बुला रहे हैं. तुम्हें ठीक करना है ताकि तुम फिर वीडियो ना बना सको. जब विधायक के भतीजे को पता चला कि श्रवण के फोन में रिकॉर्डिंग चल रही है, तो वह मामले को महिलाओं से बदतमीजी की तरफ मोड़ने लगा. इसके बाद किसी ने श्रवण का मोबाइल लेकर कॉल रिकॉर्डिंग वायरल कर दिया.

श्रवण ने बताया कि वह “दलित है तो क्या उसकी कोई इज्जत नहीं? विधायक के भतीजे है तो मुझे गाली देंगे और करने की धमकी देंगे? इसका न्याय आप लोग ही करिए मैं गरीब आदमी क्या करूं? मैं स्कूल में बेटी को पढ़ने के लिए भेजता हूं ना कि मैडम का बच्चा देखरेख करने.”

जब इस मामले पर स्कूल में तैनात अध्यापिका संगम वर्मा से बात किया तो उन्होंने बताया कि, “स्कूल में किसी भी छात्र के द्वारा बच्चा नहीं खिलाया जाता है. 10 अक्टूबर को मैं स्कूल में आये ARP सर के साथ मिलकर स्कूल के कार्य कर रही थी. तभी एक छात्र ने स्कूल वर्क फाइनल कर बच्चे को गोद मे ले लिया. उसी दौरान उसे पिता सड़क से गुजरे तो छात्रा के हाथ में बच्चा देख लिया. जिसके बाद वह स्कूल में दाखिल हुए और बच्ची के साथ दूसरी शिक्षिका और मुझे भी गाली देने लगे फिर घर चले गए. जब यह मामला हमारे घर के लोगों को पता चला तो उन्होंने उन्हें फोन कर आवेश में उल्टा सीधा बोला.”

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ऑडियो के बारे में जब हाटा विधानसभा से भाजपा विधायक मोहन वर्मा से बात करने की कोशिश की गई तो वह मीडिया के सामने आने से बचते नजर आए. वहीं उन्होंने खुद लखनऊ होने की बात किए. ऑडियो के संबंध में उन्होंने एक और नई कहानी बताने लगे. विधायक ने फोन पर कहा कि “यह गाली देने का ऑडियो उनके बड़े भाई के लड़के (भतीजे) का है. सुनने में आया है कि जो श्रवण नाम का व्यक्ति है वह पिछले 15 दिनों से हमारी पुत्रवधू को स्कूल पर लिखे नंबर से फोन कर परेशान कर रहा था और उस दिन (10 अक्टूबर) को भी वह स्कूल में जबरदस्ती घुस गया और बदतमीजी करने लगा. जब उसकी हरकत हद से पर होने लगी तो पुत्र वधू ने घर पर बताया इसके बाद भतीजे ने फोन कर उल्टा सीधा कहा है.” थाने से बोलने का दावा करते हुए भतीजे द्वारा फोन पर गाली देने का जब सवाल किया गया तो उन्होंने बड़े ही सफाई से दोनों की कृत को गलत बताया.

इस पूरे मामले में विभागीय पक्ष लेने के लिए कुशीनगर जिले के बीएसए रामजियावन मौर्य को कई बार फोन किया गया पर उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया. जब उनके कार्यालय पहुंचकर उनसे संपर्क करने की कोशिश की गई तो वह कार्यालय में भी उपस्थित नहीं मिले. तो कुशीनगर शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विद्यालय में यह बात तो साफ है की छात्रों को किताबों की जगह बच्चा खिलाने की जिम्मेदारी मिलती है. अगर किसी अध्यापक से अभिभावक ने शिकायत कर दी तो उसे गालियां धमकी सुननी पड़ेगी. और जब मामला विधायक की बहू का होगा तब अभिभावक को ही महिला उत्पीड़न जैसे मामले में फंसाने की कोशिश होगी.

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