मनोज यादव, कोरबा. जिला अस्पताल में बीती रात एक बड़ी घटना घटी गई है. जहां शाॅर्ट सर्किट के कारण अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड की बिजली चली गई. समय पर ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण एक नवजात बच्चे की जान चली गई. वहीं दो बच्चों को रिफर करना पड़ा. परिजनों का आरोप है कि, अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से यह घटना सामने आई है. हालांकि मेडिकल काॅलेज के डीन ने लापरवाही की बात से साफ इंकार कर दिया है.

बता दें कि, कोरबा के जिला अस्पताल में बीमार नवजात बच्चों को रखने के लिए बनाए गए एसएनसीयू वार्ड की बिजली बीती रात चली गई. ऑक्सीजन का प्रवाह रुकने के कारण जहां एक बच्चे की मौत हो गई. वहीं दो बच्चों की हालत बिगड़ने पर रात में ही उन्हें रिफर करना पड़ा. बताया जा रहा है, कि विशेष वार्ड में शाॅर्ट सर्किट के कारण यह स्थिति निर्मित हुई है, जिसके कारण घंटो तक वार्ड में बिजली की सप्लाई रुकी रही. यही वजह है कि, बच्चों की हालत बिगड़ने पर उन्हें देर रात ही रिफर करने की सलाह दी गई. इस आपाधापी में दीपका निवासी अमित कुमार नामक व्यक्ति के बच्चे की जान चली गई जबकि दो अन्य बच्चों को बिलासपुर और कोरबा के निजी अस्पताल में भर्ती करना पड़ा.

इस मामले में मेडिकल अस्पताल के डीन ने बताया कि, शाॅर्ट सर्किट के कारण विशेष वार्ड की बिजली जरुर चली गई थी. हालांकि कुछ समय के बाद पूरी व्यवस्था बहाल हो गई थी. एक बच्चे की मौत के मामले में उन्होंने जानकारी दी कि, बच्चा पहले से कमजोर था. इस कारण उसकी जान चली गई. लापरवाही की बात से उन्होंने साफ इंकार कर दिया है.

अस्पताल के डीन ने भले ही लापरवाही की बात से साफ इंकार कर दिया हो, लेकिन वास्तविकता तो यह है कि, बिजली गुल होने की स्थिति में भारी-भरकम जनरेटर लगाया गया है, लेकिन वह भी खराब पड़ा है. यही वजह है कि, यह घटना घटी है. अस्पताल प्रबंधन को सारी व्यवस्था दुरुस्त रखने की जरुरत है, ताकि विषम परिस्थितियों में किसी की जान ना जा सके.

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