Bihar News: मधेपुरा जिले के ग्वालपाड़ा प्रखंड के पीरनगर पंचायत अंतर्गत वार्ड संख्या 4 स्थित ललिया टोला में इन दिनों चेचक का गंभीर प्रकोप देखने को मिल रहा है. पिछले 3 महीनों से लगातार नए मामले सामने आ रहे हैं, जिससे ग्रामीणों के बीच भय और चिंता का माहौल बना हुआ है. शिक्षा के अभाव में ग्रामीण इसे माता का प्रकोप मान रहे हैं. झाड़फूंक के भरोसे लोग रह रहे हैं। जिससे यह बीमारी पूरे टोला में फैल गई है.
चेचक के मरीज
स्थानीय लोगों की मानें, तो पूरे टोले में शायद ही कोई घर ऐसा बचा हो, जहां चेचक ने दस्तक न दी हो. बच्चे, युवा, महिलाएं और बुजुर्ग हर वर्ग इस संक्रमण की चपेट में है. चेहरे और शरीर पर चकते, बुखार, कमजोरी और खुजली जैसी समस्याओं ने ग्रामीणों की दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित किया है. खासकर छोटे बच्चों की हालत देख माता-पिता बेहद परेशान हैं. कई बच्चों के चेहरे पर चेचक के दाग हो गए हैं, हालांकि अभी तक स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव नहीं पहुंची है.
जागरूकता का अभाव
ग्रामीण मेडिकल टीम के दौरे की प्रतीक्षा कर रहे हैं. लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही इस संक्रमण से राहत मिलेगी. स्थानीय लोग स्वास्थ्य विभाग से नियमित निगरानी और सफाई अभियान की भी मांग कर रहे हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की बीमारियों से बचा जा सके. आपको बता दें कि ग्वालपाड़ा के सुदूर देहात में यह टोला है, जहां अधिकांश लोग गरीब और अशिक्षित हैं. लोगों में जागरूकता का अभाव है. इस वजह से यह बीमारी धीरे- धीरे पूरे गांव में अपना पैर पसार लिया है.
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