सोहराब आलम/पूर्वी चंपारण: वक्फ बिल पर बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाईटेड के मुस्लिम नेताओं का इस्तीफा देने का सिलसिला जारी है. बिहार के अलग-अलग जिलों से रोज यह खबर निकल कर सामने आ रही है. इसी क्रम में आज मोतिहारी में एक साथ जेडीयू के 15 मुस्लिम नेताओं ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है. 

मुख्यमंत्री के खिलाफ की नारेबाजी  

दरअसल, यह पूरा मामला मोतिहारी के एक मुस्लिम बहुल इलाका ढाका विधानसभा का है, जहां जेडीयू के 15 मुस्लिम नेताओं ने एक साथ इस्तीफा दे दिया है. इस दौरान इन नेताओं ने सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी भी किया. इन नेताओं का कहना था कि हम लोग नीतीश कुमार को मुसलमानों का हितैषी समझते थे, लेकिन उन्होंने वक्फ बिल का समर्थन करके मुसलमानों का भरोसा तोड़ दिया है. इस्तीफा देने वालों में निम्नलिखित नेता है.

1. गौहर आलम- प्रखंड अध्यक्ष, युवा जदयू, ढाका 

2. मो. मुर्तुजा- कोषाध्यक्ष, नगर परिषद, ढाका 

3. मो० शबीर आलम- प्रखण्ड उपाध्यक्ष, युवा जदयू, ढाका 

4. मौसिम आलम- नगर अध्यक्ष, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ, ढाका 

5. जफीर खान- नगर सचिव, ढाका 

6. मो. आलम- नगर महासचिव, ढाका 

7. मो. तुरफैन- प्रखंड महासचिव, युवा जदयू, ढाका 

8. मो. मोतिन- नगर उपाध्यक्ष, ढाका 

 9. सुफैद अनवर- करमावा पंचायत, युवा अध्यक्ष 

.10. मुस्तफा कमाल (अफरोज)- युवा प्रखंड उपाध्यक्ष

11. फिरोज सिद्धीको- प्रखंड सचिव, युवा जदयू, ढाका

12. सलाउद्दीन अंसारी- नगर महासचिव, ढाका 

13. सलीम अंसारी- नगर महासचिव, ढाका 

14. एकरामुल हक- नगर सचिव, ढाका 

15. सगीर अहमद- नगर सचिव, ढाका सहित और कई जेडीयू के कार्यकर्ता शामिल है. 

‘कोई भी नेता पार्टी का नहीं है’

वहीं, इस संबंध में जेडीयू के प्रखंड अध्यक्ष नेहाल अख्तर ने बताया कि इन सभी नेताओं में एक युवा अध्यक्ष को छोड़कर कोई भी नेता पार्टी का नहीं है. केवल विपक्षियों के द्वारा जेडीयू को बदनाम करने के लिए इस तरह का साजिश रचा जा रहा है. अगर इन सभी नेताओं ने इस्तीफा दिया है. अपने प्राथमिक सदस्यता का प्रमाण दे, ऐसे में बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि क्या यह सचमुच विपक्ष के द्वारा रची गई साजिश है या जेडीयू से मुसलमानों का अब मोह भंग हो चुका है.  

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