रमेश सिन्हा, पिथौरा. जिले के ग्राम अर्जुनी में पिछले कई वर्षों से करिया धुरवा मेला का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें दूर-दूर से लोग मेला घूमने और भगवान करिया धुरवा के दर्शन करने श्रद्धालु आते हैं. लोगों का मानना है कि निसंतान दम्पत्ति यहां अपनी मनोकामना लेकर आते हैं. इतना ही नहीं कहा यह भी जाता है कि उनकी मनोकामना भगवान करिया धुरवा और माता करिया धुरवईन पूरी करती हैं.

 

मेला हर वर्ष दिसंबर के आखिर माह में आयोजित किया जाता है. इस प्रसिद्ध मेले में रायपुर बिलासपुर, रायगढ उड़ीसा से हजारों के संख्या में लोग यहा पहुंचकर भगवान करिया धुरवा, और माता करिया धुरवईन का दर्शन कर अपनी मुरादें पूरी करते हैं.

लोगों का मानना है कि हजारों साल पहले 6 महीना रात और 6 महीना दिन हुआ करता था. इसी बीच रात में राजाओं की बारात जा रही थी कि अचानक दिन हो गया और सभी बराती एकाएक मूर्तियों मे बदल गए.

जिसके बाद से वर्षों पहले की परंपरा को आज भी लोग मानते आ रहे हैं. उन मूर्तियों की साल मे एक बार विशेष पूजा-अर्जना कर मेला का आयोजन किया जाता है.

 

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https://youtu.be/dnH6CvRGE7g