महाशिवरात्रि, जो इस वर्ष 26 फरवरी को है, के अवसर पर देशभर में शिवालयों में जलाभिषेक और विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी. लेकिन कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जहां भक्तों को भगवान शिव के दर्शन के लिए साल भर इंतजार करना पड़ता है. इनमें जयपुर का एकलिंगेश्वर महादेव मंदिर और राजराजेश्वर मंदिर प्रमुख हैं, जो आम भक्तों के लिए वर्ष में केवल एक ही खुलते हैं. हालांकि, ये मंदिर भक्तों के लिए वर्षभर बंद रहते हैं, लेकिन इनमें नियमित पूजा-अर्चना होती रहती है. महाशिवरात्रि के दिन जब ये मंदिर खुलते हैं, तो भक्त भगवान शिव के दिव्य स्वरूप के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित करते हैं.

राजराजेश्वर मंदिर (सिटी पैलेस, जयपुर)

इतिहासकारों के अनुसार, यह मंदिर जयपुर के सिटी पैलेस परिसर में स्थित है और इसे महाराजा रामसिंह ने बनवाया था. इस मंदिर में भगवान शिव राजसी स्वरूप में प्रतिष्ठित हैं. यहां भगवान के लिए सोने का सिंहासन, सोने का मुकुट और नेपाल से मंगाया गया पक्षीराज चित्र रखा गया है. यह मंदिर केवल महाशिवरात्रि और गोवर्धन पूजा (अन्नकूट) के अवसर पर खुलता है, जब आम भक्त भगवान के दर्शन कर सकते हैं.

एकलिंगेश्वर महादेव मंदिर (शंकरगढ़, जयपुर)

यह मंदिर जयपुर के मोती डूंगरी क्षेत्र में स्थित है. भक्तों को भगवान शिव के दर्शन के लिए साल भर इंतजार करना पड़ता है, क्योंकि यह मंदिर सिर्फ महाशिवरात्रि के अवसर पर खुलता है. इस दिन, भक्तों की लंबी कतार मंदिर के बाहर लग जाती है, और उन्हें मंदिर तक पहुंचने के लिए करीब एक किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है. इतिहासकारों के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण सवाई जयसिंह के शासनकाल में हुआ था. मंदिर का नाम शंकरगढ़ था, लेकिन बाद में सवाई जयसिंह के पुत्र माधो सिंह की इच्छा पर इसे एकलिंगेश्वर महादेव कहा जाने लगा.

एक रहस्यमयी घटना और मंदिर की मान्यता

इस मंदिर से जुड़ी एक दिलचस्प कथा प्रचलित है. जब मंदिर की स्थापना हुई थी, तब भगवान शिव के साथ उनके पूरे परिवार की मूर्तियां स्थापित की गई थीं. लेकिन कुछ समय बाद शिव परिवार की मूर्तियां रहस्यमय तरीके से गायब हो गईं. दोबारा मूर्तियां स्थापित की गईं, लेकिन वे फिर से गायब हो गईं. इसके बाद मंदिर प्रशासन ने दोबारा कभी भी शिव परिवार की मूर्तियां स्थापित नहीं कीं. इस रहस्यमयी घटना के कारण यह मंदिर “चमत्कारी मंदिर” कहलाने लगा.