नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में आज सुबह भी हवा की गुणवत्ता गभीर श्रेणी में रिकॉर्ड की गई है. System of Air Quality & Weather Forecasting & Research (SAFAR) सफर ने बताया है कि दिल्ली में हवा की क्वॉलिटी बहुत खराब है. आज AQI 379 दर्ज की गई है. वहीं प्रदूषण रोकने के लिए क्या उपाय किए गए हैं, इस पर आज सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई होने वाली है. कोर्ट ने दिल्ली और केंद्र सरकार से इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाने को कहा था और आज दोनों सरकारों को अपना जवाब दाखिल करना है.
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वायु प्रदूषण की खराब स्थिति को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में सभी स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों को अगली सूचना तक बंद कर दिया गया है. ऐसे शिक्षण संस्थान जो कोविड-19 महामारी की वजह से अब तक बंद थे और खुलने लगे थे, उन्हें पढ़ाई के ऑनलाइन मोड पर वापस जाना होगा. मंगलवार रात को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण संकट से निपटने के लिए दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सरकारों को कई निर्देश जारी किए हैं. यह फैसला मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण संकट पर हुई एक आपात बैठक के बाद लिया गया है.
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बैठक में दिए गए निर्देशों को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है. राज्य सरकारों को 22 नवंबर को इसके संबंध में अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करनी है. सीएक्यूएम द्वारा जारी 9 पन्नों के आदेश में एनसीआर सरकारों (दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश) को सलाह दी गई है कि 21 नवंबर तक कम से कम 50 प्रतिशत कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दें.
ट्रकों की एंट्री पर बैन
जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों को छोड़कर 21 नवंबर तक बाकी ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
निर्माण गतिविधियों पर रोक
दिल्ली-एनसीआर में इन्हें छोड़कर सभी निर्माण और मकान गिराने की गतिविधियों पर 21 नवंबर तक रोक रहेगी. इन पर लागू नहीं होंगे निर्देश-
– रेलवे सेवाएं या फिर स्टेशन, मेट्रो सेवाएं
– हवाई अड्डे और अंतर राज्य बस टर्मिनल (आईएसबीटी)
– राष्ट्रीय सुरक्षा या रक्षा संबंधी गतिविधियां और राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाएं
11 थर्मल प्लांटों में से 6 को 30 नवंबर तक बंद रखने का निर्देश
दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में स्थित 11 थर्मल प्लांटों में से 6 को 30 नवंबर तक बंद रखने का निर्देश दिया गया है. डीजल जेनरेटरों यानी डिजी सेट्स के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी गई है.
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आयोग ने कहा कि एनसीआर में गैस क्षमता वाले सभी उद्योग इसी पर अपना परिचालन करें, ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए. किसी भी उद्योग को अस्वीकृत ईंधन का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं होगी. अगर कोई उद्योग ऐसा करता पाया गया, तो उसे तुरंत बंद करा दिया जाएगा. दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में स्थित 11 थर्मल पावर प्लांट में से पांच का ही संचालन किया जाएगा. एनटीपीसी, झज्जर, महात्मा गांधी टीपीएस जैसे 5 कोयला बिजली संयंत्रों के परिचालन की इजाजत दी गई है.
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