अजय नीमा, उज्जैन। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि भारतीय संस्कृति जीवंत और खोजपूर्ण हैं। खोजपूर्ण संस्कृति में हमारे यहां नित्य निरंतर हजारों वर्षों से रिसर्च को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। हमारा संकल्प है कि आईआईटी (IIT) की तर्ज पर प्रदेश के समस्त इंजीनियरिंग कॉलेज विकसित किए जाएंगे। आईआईटी के समान कैंपस तैयार किए जाएंगे। आईआईटी के माध्यम से हो रहे ज्ञान के प्रसार को इंजीनियरिंग कॉलेज के विद्यार्थी भी सीख सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से भारत को तकनीकी क्षेत्र में अग्रणी देश बनाने के प्रयासों को गति मिली है। सैटेलाइट परिसर की स्थापना से मध्यप्रदेश में तकनीकी शिक्षा को नई दिशा मिलेगी।
मेकर स्पेस लैब का उद्घाटन
मुख्यमंत्री डॉ यादव आज उज्जैन के इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित नवाचार, प्रौद्योगिकी एवं उद्यमिता अनुभावतमक विद्यार्जन (डीप-टेक रिसर्च एंड डिस्कवरी सेंटर) केंद्र के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान वर्चुअल शामिल हुए। इस अवसर पर विधायक अनिल जैन, महापौर मुकेश टटवाल उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने इंजीनियरिंग कॉलेज उज्जैन परिसर में तीन अत्याधुनिक लैब खगोल विज्ञान एवं अंतरिक्ष अभियांत्रिकी धरोहर तथा नवाचार केंद्र, लेजर इंजिनियरिंग लैब और मेकर स्पेस लैब का उद्घाटन किया।
वैज्ञानिकता के आधार पर सुव्यवस्था स्थापित
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि वैज्ञानिक परंपरा को हमारे यहां ऋषि परंपरा के नाम से जाना जाता है। जिसमें वैज्ञानिकता के आधार पर सुव्यवस्था स्थापित होती है। किंतु हमारी समृद्ध संस्कृति ,ऋषि परंपरा को नष्ट करने के अनेक प्रयास किए गए। बदलते दौर में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूरी दुनिया में हमारी संस्कृति का परचम लहरा रहा है। दुनिया यहां आकर शिक्षा ग्रहण करेंगी, हमारी अच्छाई सीखेगी।
उज्जैन विज्ञान की नगरी के नाम से दुनिया में स्थापित होगी
उज्जैन में डीपटेक एवं रिसर्च सेंटर का उद्घाटन विक्रमोत्सव का अंग हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 फरवरी को वैदिक घड़ी का शुभारंभ किया था। उन्होंने कहा कि आईआईटियन कानपुर द्वारा भारतीय दृष्टिकोण अपनाते हुए ग्रह, नक्षत्र, तारे की गणना के आधार पर एक अद्भुत मॉडल प्रस्तुत किया। जिसके आधार पर आज वैदिक घड़ी हमारे बीच बनकर तैयार है। उन्होंने कहा कि देश का मान पुर्नस्थापित हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि समूचे भारत वर्ष में भारतीय ज्ञान परंपरा ध्वजा लहरा रही हैं। हमारी संस्कृति नित्य निरंतर नवाचारों को प्रोत्साहन देने के साथ उन्हें पुष्पित पल्लवित करती है। उन्होंने कहा कि खगोल विज्ञान के क्षेत्र में उज्जैन का विशेष महत्व है। भगवान महाकाल की नगरी से विज्ञान की धारा प्रभावित हो रही है। उज्जैन विज्ञान की नगरी के नाम से दुनिया में स्थापित होगी।
मध्यप्रदेश को नवीन ज्ञान परंपरा के केंद्र बनाया जाएगा
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि मध्यप्रदेश को नवीन ज्ञान परंपरा के केंद्र बनाया जाएगा। इंदौर और उज्जैन कॉरिडोर इसका नेतृत्व करें। उन्होंने कहा कि आईआईटी इंदौर विस्तृत रोड मैप तैयार कर इसका क्रियान्वन कराएं। कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में मध्य प्रदेश के लोगों के रग रग में शोध, खोज और नवाचार समाया हुआ हैं। इन नवाचारों को उचित प्लेटफार्म प्रदान कर उनका भविष्य के उपयोग के लिए क्रियान्वयन किया जाए। उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान एवं अन्य संस्थाओं के निर्देशकों और शिक्षकों से कहा कि भारतीय समृद्ध वैज्ञानिक परंपरा को भारतीय मूल भाषाओं में समझे। 300 से 400 वर्ष पहले किए गए हमारी वर्षा की सटीक गणना, हजारों वर्ष पूर्व की हमारी सटीक काल गणना आदि अनेक खोजों को गहराई से जाने।
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