लक्ष्मीकांत बंसोड़, डौण्डी। जिस गांव में जाने के लिए 4 किमी पगडंडी वाले उबड़ खाबड़ रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है, उस गांव में आज प्रशासन ने रोजगार मुहैया कराया है जिससे अब वहां के लोग कम मेहनत में अधिक आय अर्जित कर रहे हैं. जिले के एकमात्र आदिवासी बाहुल्य ब्लाॅक डौण्डी क्षेत्र के आदिवासियों के लिए विशेष केन्द्रीय सहायता उपयोजना के तहत हिड़कापार गांव के लोगों को कुटकुट पालन के लिए निशुल्क चुजे प्रशासन ने उपलब्ध कराये हैं.
इसके अलावा पास के दो अन्य गांव को मिलाकर 55 लोगों को भी कड़कनाथ मुर्गी का चुजा दिया गया है, जिससे आज उनकी आमदानी में वृद्धि के साथ उनकी आर्थिक स्थिति सुधर रही है.
आदिवासियों ने कभी सोचा भी नहीं था कि प्रशासन उनके रोजगार के लिए इतनी सहायता करेगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. लेकिन प्रशासन के इस प्रयास से लोगों में काफी उत्साह है. चूजा देने से पहले प्रशासन से हिड़कापार गांव में 20 लोगों के लिए एक ही स्थान पर शेड तैयार किया गया. जिसके बाद शेड के अंदर चारे पानी के प्रबंध के साथ सभी हितग्राहियों को चुजे दिये गये हैं. आपको बता कि कड़कनाथ मुर्गी को बेचकर अब तक 3 लाख 80 हजार रूपये कमा चुके हैं.