अमित पांडेय, खैरागढ़. छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जिले में सड़क हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा हैं. मालवाहक वाहनों के बेरोकटोक आवागमन से सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. पिछले सात दिनों में 2 भीषण सड़क हादसों में दो लोगों की मौत हो गई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि बाईपास का अधूरा निर्माण अब लोगों की जान पर भारी पड़ रहा है. 

10 दिनों में दो सड़क हादसे, 2 की मौत  

10 दिनों में दो सड़क हादसे हुए हैं, जिनमें दो लोगों की मौत हुई. दोनों ही हादसों में भारी मालवाहक वाहन मौत का कारण बनी. 

आमलीपारा में 28 फरवरी को सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत हुई थी. सड़क पार कर रहे एक व्यक्ति को धान से लदे ट्रक ने कुचल दिया था. हादसे में उसका शरीर दो टुकड़ों में बंट गया और मौके पर ही उसकी दर्दनाक मौत हो गई थी.

खैरागढ़ के सांस्कृतिक भवन के पास आज दर्दनाक सड़क हादसे में एक युवक की मौत हो गई. जहां दो बाइक आपस में टकरा गई, इसी दौरान सड़क पर गिरे युवक को मेटाडोर ने अपनी चपेट में ले लिया. युवक की मौके पर ही मौत हो गई. हादसे के बाद मेटाडोर चालक मौके से फरार हो गया. फिलहाल मृतक की पहचान नहीं हो सकी है. 

12 वर्षों से अधूरे बाईपास को पूरा करने की मांग 

सोनसरार से किसान राइस मिल तक बाईपास सड़क का निर्माण पूरा हो चुका है, लेकिन पुलिया निर्माण कार्य अधूरा होने के कारण यह सड़क अब तक चालू नहीं हो पाई. स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि पुलिया का निर्माण पूरा हो जाए, तो भारी वाहनों को शहर के अंदर प्रवेश नहीं करना पड़ेगा, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आ सकती है.

पुलिया के निर्माण कार्य अधूरा होने के कारण भारी वाहन अब भी शहर के मुख्य मार्गों से गुजरने को मजबूर हैं, जिससे ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. शहर के व्यापारियों और स्थानीय नागरिकों का कहना है कि बाईपास का अधूरा निर्माण अब लोगों की जान पर भारी पड़ रहा है. बाईपास चालू नहीं होने से भारी वाहन शहर के अंदर से गुजर रहे हैं. यदि पुलिया का निर्माण पूरा हो जाता, तो भारी वाहन बाईपास से ही निकलते और शहर की सड़कों पर दबाव कम होता. प्रशासन इस समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है. स्थानीय लोगों ने प्रशासन से जल्द से जल्द बाईपास पुलिया निर्माण पूरा कराने की मांग की है. 

जागो प्रशासन जागो

खैरागढ़ में बढ़ती सड़क दुर्घटनाएं अब एक गंभीर समस्या बन चुकी हैं. बाईपास सड़क का अधूरा निर्माण लोगों की जान पर भारी पड़ रहा है. प्रशासन की उदासीनता के चलते 10 दिन में दो बड़े सड़क हादसे हुए. जिसमें दो लोगों की मौत हो गई. हादसों में लोगों की मौत के बाद भी प्रशासन सबक नहीं ले रहा है. ना ही बायपास के निर्माण कार्य को पूरा कर रहा है, ना ही भारी मालवाहक पर रोक लगाई जा रही है.