रायपुर। बढ़ती महंगाई से आम जनता पहले से ही त्रस्त थी और अब त्योहारी सीजन में मिठाइयों की कीमत भी आसमान छूने लगे हैं. आम जनता का कहना है कि वे अपने बजट के अनुसार कम मात्रा में मिठाई की खरीदी करेंगे. कोरोना की रफ्तार कम होने के बाद से व्यापारियों ने त्योहारी सीजन को देखते हुए मिठाइयों की कीमत भले ही बढ़ा दी हो, लेकिन व्यापारियों का कहना है कि ड्राई फ्रूट की कीमत बढ़ने से मिठाइयों के दामों में भी 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है.

भावना राठी ने कहा कि महंगाई तो पहले से ही थी और अब मिठाई भी महंगी हो गई है. त्योहारी सीजन की वजह से मिठाई खरीदना तो मजबूरी है, लेकिन कम मात्रा में इस बार मिठाई खरीदेंगे. कुलदीप कौर ने कहा कि महंगाई की चौतरफा मार झेलनी पड़ रही है. खाद्य तेल, दाल, सब्जियां, पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के बाद अब मिठाईयां भी महंगी हो गई है. लेकिन अपने बजट के अनुसार मिठाई की खरीदी करनी पड़ेगी.

बाजार में मिठाइयों की कीमत तेजी से बढ़ी है. मिठाइयों में कीमत की कड़वाहट नजर आ रही है. ड्राइ फ्रूट्स की भी तेजी से बढ़ी है. 1800 से 3500 रुपये किलो बिक रही हैं, जिससे लोगों को में मिठाई खरीदने को लेकर हिचकिचाहट है.  फिर लोग अपनी जेबें ढीली कर रहे हैं.

व्यापारी राजेश पारख ने कहा कि मिठाइयों की कीमत में इसलिए इजाफा हुआ है, क्योंकि ड्राई फ्रूट की कीमत में तेजी आई है. मिठाइयों के दामों में 5 से 10 फीसदी की वृद्धि की गई है. व्यापारियों के अनुसार कीमतों में बढ़ोतरी की प्रमुख वजह खाद्य तेल समेत दूसरी खाद्य सामग्रियों की कीमतों में तेजी है.

काजू कतली की कीमत पहले 830 रुपये प्रति किलो थी, अब 850 रुपये प्रति किलो में बेची जा रही है. अंजीर और ड्राइ फ्रूट्स की मिठाइयां पहले 900 रुपए प्रति किलो में बिकती थी, अब उसकी कीमत 930 रुपये प्रति किलो हो गई है.

छेने की मिठाइयां 25 रुपये प्रति पीस में बिक रही है. कलाकंद मिठाई की कीमत 390 रुपये प्रति किलो हो गई है. वहीं 250 रुपये किलो तक बिकने वाले नमकीन और मिक्चर की कीमतें इन दिनों 300 रुपये किलो पहुंच गई है.

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