नई दिल्ली। सिक्किम से सटी भारत और चीन की सीमा में दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। चीनी सैनिकों की तैनाती के बाद भारत ने भी बड़ी संख्या में अपने सैनिकों को तैनात कर दिया है। 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद यह पहला मौका है जब सीमा पर दोनों देशों के बीच इतना लंबा गतिरोध चल रहा है। भारत ने अपने जो सैनिक तैनाक किए हैं उन्हें नान काम्बैटिव मोड पर लगाया गया है। नान काम्बैटिव मोड में बंदूक की नाल जमीन की ओर रखी जाती है।
भारत और चीन चुंबी घाटी के डोकलाम पठार में आमने-सामने है, यहां भारत-भूटान और चीन तीन देशों की सीमाएं मिलती हैं। पूरे विवाद की शुरुआत चीन द्वारा सड़क बनाने से हुई, भारत ने चीन द्वारा इस क्षेत्र में सड़क बनाए जाने का विरोध किया था।
जिसके बाद चीनी सेना ने भारती की सीमा के भीतर दाखिल होकर भारत के दो बंकरों को 6 जून को बुल्डोजर चलाकर नष्ट कर दिया और दावा किया कि वह इलाका चीन की सीमा के भीतर आता है। इसके साथ ही चीन ने कैलाश मानसरोवरो जाने वाले भारत के दो जत्थों को भी नाथू ला के पास रोक दिया।
चीन ने भारतीय अधिकारियों को सीमा पर सैनिकों की संख्या में इजाफा को लेकर आपत्ति दर्ज की है साथ ही कहा है कि भारत के सैनिक हटाने के बाद वह भारतीय जत्थे को नाथू ला के रास्ते मानसरोवर जाने की इजाजत देगा। यह पहला मौका नहीं है जब चीन इस इलाके में घुसपैठ कर इलाके को अपना बता रहा है। इसके पहले भी चीन कई बार इस तरह की हरकतें करता रहा है।