रायपुर- कोरोना पाॅजिटिव केसेज को डील कर रहे एम्स के डाक्टरों की कोशिशों का ही नतीजा है कि दो पाॅजिटिव मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आ गई. इस बीच एम्स रायपुर के सदस्य बीजेपी सांसद सुनील सोनी ने अब तक सामने आए कोरोना पाॅजिटिव केसेज की समीक्षा की है.

सांसद सुनील सोनी ने समीक्षा किए जाने के बाद कहा कि एम्स में 30 मार्च तक कोरोना वायरस से पीड़ित छह रोगी एडमिट किए जा चुके थे. इनमें रायपुर के अलावा भिलाई और कोरबा के भी रोगी शामिल हैं. लगातार दो टेस्ट नेगेटिव पाए जाने पर एम्स ने दो रोगियों जिनकी उम्र क्रमशः 68 वर्ष और 33 वर्ष थी, 31 मार्च को डिस्चार्ज कर दिया. एम्स की वीआरडी लैब ने 31 मार्च तक 750 सैंपल टेस्ट किए हैं जिनमें आठ सैंपल पॉजीटिव और शेष सैंपल नेगेटिव पाए गए हैं.

सुनील सोनी ने बताया कि एम्स रायपुर राज्य के मेडिकल काॅलेज के डाक्टरों को निरंतर कोरोना वायरस के इलाज संबंधी प्रशिक्षण  भी दे रहा है. अभी तक जगदलपुर के चिकित्सा महाविद्यालय के डाक्टरों को प्रशिक्षित किया जा चुका है जबकि मेकाहारा के डाक्टरों को वर्तमान में प्रशिक्षित किया जा रहा है. अगले चरण में जगदलपुर और रायगढ़ के चिकित्सा शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करने की योजना है. एम्स के अलावा बिलासपुर और राजनांदगांव में भर्ती कोरोना पाॅजिटिव मरीजों का इलाज कर रहे डाक्टरों को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है. समीक्षा के दौरान एम्स ने कहा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ-साथ राज्य सरकार लगातार सहयोग दे रही है.

सांसद ने बताया कि एम्स में वीआरडी लैब के लिए कोरोना वायरस की जांच हेतु अब तक 2000 जांच किट प्राप्त हो चुकी हैं. एम्स को अभी तक 3000 एन-95 मास्क मिल चुके हैं जिनका प्रयोग चिकित्सकों, नर्सिंग स्टॉफ और कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है. एम्स ने 4000 पर्सनल प्रोटेक्शन किट (पीपीई) के लिए अनुरोध किया था जिनमें से 700 किट प्राप्त हो गई हैं, 3300 अभी प्रतिक्षित हैं. एम्स के लगभग 60 डाक्टर, नर्सिंग स्टॉफ और तकनीकी कर्मचारी 24 घंटे के लिए कोरोना वायरस वार्ड में तैनात हैं. इनके यही पर ठहरने और खाने की व्यवस्था की गई है. एम्स रायपुर निरंतर कोरोना वायरस के लिए बनाए गए वार्ड की क्षमता का विस्तार कर रहा है. वर्तमान में यहां 350 रोगियों तक का इलाज संभव है जिसे भविष्य में अधिक रोगी आने पर बढ़ाया जा सकता है. एम्स रायपुर फॉलोअप रोगियों और गंभीर रूप से बीमार रोगियों के लिए शीघ्र ही टेलीमेडिसिन प्रारंभ करने जा रहा है जिन्हें मोबाइल फोन के माध्यम से चिकित्सकों द्वारा परामर्श दिया जाएगा.