अजय शर्मा, भोपाल। मध्य प्रदेश के उपभोक्ताओं को बिजली एक बार फिर तगड़ा झटका देने वाली है। तीन महीने बाद बिजली की बढ़ी हुई दर लागू होने के बाद एमपी के लोगों को बिजली बिल का झटका लगेगा। तीन महीने बाद घरेलू बिजली बिल 9 रुपये प्रति यूनिट आएगी। इधर बिजली दरें बढ़ाने पर तकरीबन दर्जन भर से ज्यादा औद्योगिक संगठनों ने आपत्ति जताई है। ये सभी नियामक आयोग के सामने आपत्ति दर्ज कराएंगे। 

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दरअसल प्रदेश की तीन विद्युत वितरण कंपनियों ने विद्युत नियामक आयोग (Electricity Regulatory Commission) में एक याचिका प्रस्तुत की है। इसके बाद बिजली रेट बढ़ाने को लेकर मध्य प्रदेश विद्युत विनियामक आयोग 8 से 10 फरवरी तक करेगा जनसुनवाई करेगा। मध्यप्रदेश में विद्युत नियामक आयोग ने पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के प्रस्ताव को माना तो घरेलू बिजली की औसत दर अन्य चार्ज शामिल होने के बाद 9 रुपये प्रति यूनिट होगी।

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दरअसल प्रदेश की तीन विद्युत वितरण कंपनियों ने विद्युत नियामक आयोग में एक याचिका प्रस्तुत की है। याचिका में आगामी वित्तीय वर्ष साल 2022-23 के लिए बिजली दरों में 8.71 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव दिया है। मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी वित्त वर्ष 2022- 23 के लिए 3,915 करोड़ का घाटा दिखाकर मौजूदा दर में औसत 8.71 फीसद दाम बढ़ाने विदिशा मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग को सौंपी है, जबकि घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दरें 9. 97 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव है।

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कंपनियों ने  8.71 फीसदी की बढ़ोत्तरी की मांग की 

गौरतलब है कि प्रदेश की पूर्व, मध्य और पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि आगामी वर्ष 2022-23 के लिए करीब 48 हजार 874 करोड़ रुपए की जरूरत होगी। विद्युत कंपनियों ने अपनी याचिका में दावा किया है कि अगर प्रदेश में बिजली की मौजूदा दर ही लागू होती है तो बिजली कंपनियों को करीब 3 हजार 915 करोड़ रुपये का घाटा होगा। लिहाजा, प्रदेश में बिजली की मौजूदा दरों में करीब 8.71 फीसदी की बढ़ोत्तरी की जानी चाहिए।

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