कुमार इंदर, जबलपुर। मृत देह अमूल्य है। यह देह कई जिंदगियां बचा सकता है। भारत में भी देहदान करने की प्रथा का प्रचलन धीरे-धीरे बढ़ रहा है। कुछ समय से जागरुक लोग में देहदान करने के लिए आगे आ रहे हैं। मौत के बाद लोग अपनी नेत्र, ह्रदय या लीवर दान कर रहे हैं।
जबलपुर में भी अब धीरे-धीरे देहदान करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। अब यह आंकड़ा शहर में लगभग 450 तक पहुंच गया है, जो मौत के बाद देहदान कर दूसरे लोगों की जिंदगी बचा रहे हैं। ऐसे ही लोगों का जबलपुर कलेक्ट्रेट कार्यालय में सम्मान किया गया है। देहदान करने वाले लोगों को दधीचि सम्मान से सम्मानित किया गया है।
जबलपुर जनपद पंचायत सीईओ सलोनी सिड़ाना ने बताया कि जबलपुर में कुछ समय से देहदान करने वालों की संख्या बढ़ी है। यह आंकड़ा 450 को पार कर गया है। लोग मरने के बाद दूसरों की जिदगी रोशन कर रहे हैं।
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