नई दिल्ली। उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को अम्बेडकर यूनिवर्सिटी में इन्क्यूबेशन सेंटर का उद्घाटन किया. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ये इन्क्यूबेशन सेंटर हमारे भविष्य के एंत्रप्रेन्योर्स के लिए एक बुनियाद का काम करेगा, जहां से वो अपने नए आइडियाज और इनोवेशन को सही दिशा दे पाएंगे. उन्होंने कहा कि अम्बेडकर यूनिवर्सिटी में शुरू हो रहा ये इन्क्यूबेशन सेंटर, हमारे स्टूडेंट्स द्वारा शुरू की जाने वाली नई कंपनियों की बुनियाद बनेगा और दुनियाभर में जॉब बांटेगा.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज एंत्रप्रेन्योर माइंडसेट की केवल बिजनेस करने के लिए जरूरत नहीं है, बल्कि सभी लोगों में एंत्रप्रेन्योर माइंडसेट होना चाहिए, ताकि नए और इनोवेटिव सोच के साथ वो देश की तरक्की में अपना योगदान दे सकें. उन्होंने आगे कहा कि आज हमारे स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाले 99% बच्चे नौकरी करना चाहते हैं, लेकिन ये बेहद खुशी की बात है कि अम्बेडकर यूनिवर्सिटी ऐसे बच्चे तैयार कर रही है, जो जॉब सीकर बनने के बजाय जॉब प्रोवाइडर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.

मनीष सिसोदिया ने कहा कि दुनिया में दो तरह की यूनिवर्सिटीज है. पहली यूनिवर्सिटीज ऐसी है, जहां पढ़ने वाले बच्चे डिग्री लेने के बाद नौकरी लेने की लाइन में खड़े होकर इंतजार करते हैं कि कोई कंपनी उन्हें नौकरी दे दे. दूसरी ओर ऐसी यूनिवर्सिटीज है, जहां नौकरी देने वाली कंपनियों में ही होड़ मची होती है और वे इन यूनिवर्सिटीज के बच्चों को नौकरी देने के लिए लाइन में लगे रहते हैं और इन्हीं यूनिवर्सिटीज के बच्चे आगे चलकर फेसबुक, गूगल जैसी कम्पनियां बनाकर पूरे विश्व में लोगों को नौकरियां दे रहे होते हैं. उन्होंने कहा कि यदि हमें भारत को विकसित देश और विकसित इकॉनमी बनाना है, तो इसका सपना हमारे स्कूलों और यूनिवर्सिटीज से ही पूरा हो सकता है. उन्होंने कहा कि अम्बेडकर यूनिवर्सिटी में शुरू हो रहा ये इन्क्यूबेशन सेंटर हमारे स्टूडेंट्स द्वारा शुरू की जाने वाली नई कंपनियों की बुनियाद बनेगा और दुनियाभर में जॉब बांटेगा.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के निर्देशन में दिल्ली के स्कूलों हमने बच्चों में एंत्रप्रेन्योर माइंडसेट विकसित करने का काम शुरू कर दिया है. ये हमारी जिम्मेदारी है कि 12वीं के बाद यूनिवर्सिटी में जाने वाले बच्चे एंत्रप्रेन्योर माइंडसेट के साथ यूनिवर्सिटी में जाए. इस दिशा में स्कूलों में बच्चों को अपने बिजनेस आइडियाज देने के लिए हम उन्हें बिज़नेस ब्लास्टरर्स प्रोग्राम के तहत 2000 रूपये की सीड मनी दे रहे हैं.