स्पोर्ट्स डेस्क. भारतीय टीम का वेस्टइंडीज दौरा (India tour of West Indies) हार के साथ समाप्त हुआ. हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) की कप्तानी में भारत को मेजबान वेस्टइंडीज (IND vs WI) के हाथों 5वें और निर्णायक टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में आठ विकेट से हार का सामना करना पड़ा. इसके साथ ही भारत को वेस्टइंडीज के हाथों 2-3 के अंतर से टी20 सीरीज गंवानी पड़ी. 2017 के बाद यह पहला मौका है जब भारत ने कैरेबियाई देश से टी20 की सीरीज गंवाई हो. वहीं, भारत को पांच मैचों की टी20 सीरीज में पहली बार पराजय झेलनी पड़ी है. इस चौंकाने वाली हार के बाद भारत के पूर्व क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद (Venkatesh Prasad) ने टीम के खराब प्रदर्शन और सीरीज के दौरान खराब रणनीति बनाने के लिए कप्तान हार्दिक और मुख्य कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) की आलोचना की.

बता दें कि, सीरीज में हार के प्रसाद ने अपनी वाली टिप्पणी को ट्विटर पर दोहराया जिसमें उन्होंने लिखा था ‘बहुत ही सामान्य सीमित ओवरों की टीम’. यह टिप्पणी उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 सीरीज में भारत के 0-2 से पिछड़ने के बाद की थी. उन्होंने ट्वीट किया कि भारत पिछले कुछ समय से सीमित ओवरों की एक बहुत ही सामान्य टीम रहा है. वे वेस्टइंडीज की उस टीम से हार गए, जो कुछ महीने पहले वनडे विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने में असफल रही थी. हम वनडे सीरीज में भी बांग्लादेश से हार गए थे. उम्मीद है कि वे आत्मनिरीक्षण करेंगे. मूर्खतापूर्ण बयान देने की बजाय.

भारत के पूर्व गेंदबाजी कोच ने खुलासा किया कि, हार से ज्यादा जिस चीज ने उन्हें सबसे ज्यादा आहत किया है, वह है टीम प्रबंधन ने जिस तरह से स्थिति से निपटने की कोशिश की है. उनका मानना ​​है कि, मौजूदा भारतीय सीमित ओवर की टीम (जो अब एशिया कप और उसके बाद वनडे विश्व कप की ओर बढ़ रही है) में जीत के लिए ‘आग और भूख’ गायब है. उन्होंने कहा कि केवल 50 ओवर ही नहीं, वेस्टइंडीज पिछले अक्टूबर-नवंबर में टी20 विश्व कप के लिए भी क्वॉलिफाई करने में असफल रहा था. यह देखकर दुख होता है कि भारत खराब प्रदर्शन करता है और प्रक्रिया की आड़ में इसे दबा देता है. वह भूख, आग गायब है और हम एक भ्रम में रहते हैं.

गौरतलब है कि जब प्रसाद से कप्तान हार्दिक और मुख्य कोच द्रविड़ के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने यह कहने में कोई कसर नहीं छोड़ी कि वे ‘हार के लिए जिम्मेदार’ हैं. उन्होंने कहा कि वे उन्हें जवाबदेह होने की जरूरत है. प्रक्रिया और ऐसे शब्दों का अब दुरुपयोग होता है. चयन में कोई निरंतरता नहीं है, अजीबोगरीब चीजें बहुत ज्यादा हो रही हैं. भारत को अपने कौशल में सुधार करने की जरूरत है. उनमें भूख और तीव्रता की कमी है और अक्सर कप्तान इससे अनजान दिखते हैं. गेंदबाज बल्लेबाजी नहीं कर सकता, बल्लेबाज गेंदबाजी नहीं कर सकता. यह महत्वपूर्ण है कि आप हां में हां मिलाने वाले लोगों की तलाश में न रहें और अंधे न बनें क्योंकि कोई आपका पसंदीदा खिलाड़ी है, बल्कि बड़े पैमाने पर अच्छाई देखें.

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