भोपाल। Independence Day 2025: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्वतंत्रता दिवस पर बदलते मध्य प्रदेश की तस्वीर कैसी होगी, उसके बारे में बताया। सीएम ने बताया कि आगामी पांच सालों में लाखों किलोमीटर सड़क, रेलवे ब्रिज और फ्लाईओवर बनाए जाएंगे। साथ ही उन्होंने बताया कि रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के बाद खनिज और पर्यटन विषयावर जैसी कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। विस्तार से जानिए सीएम ने क्या कहा…

सीएम ने ऑपरेशन सिंदूर पर सुनाई कविता

ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से विश्व ने भारत की शक्ति और सामर्थ्य दोनों देखा है। युद्ध में नई तकनीक को अपनाने की बात हो या सेना को आधुनिकतम अस्त्र-शस्त्र उपलब्ध करवाने का काम हो, हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोई कसर नहीं छोड़ी। हमने भारत की एकता और अखंडता पर कुदृष्टि डालने वालों को समझा दिया है कि- जिस भाषा में जो समझे वो भाषा पूरी बोलेंगे। देश धर्म की खातिर हम तो बात जरूरी बोलेंगे। सौ-सौ नमन हमारे होंगे देश के वीर सपूतों को जिनका शौर्य सुनाने को अक्षर सिंदूरी बोलेंगे।

‘भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्था बन जाएगा’

‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के 11 वर्ष अभूतपूर्व उपलब्धियों के हैं। देश में पिछले 11 वर्षों में जहां सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के सिद्धांत से प्रेरित होकर जन-केन्द्रित, समावेशी और सर्वांगीण प्रगति को प्राथमिकता दी गई है, वहीं भारत विश्व में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना है। वर्तमान में भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्था है। शीघ्र ही भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्था बन जाएगा।’

सीएम ने कहा, ‘आत्म-निर्भर भारत कोई साधारण नारा नहीं, यह 140 करोड़ भारतीयों का अटल संकल्प है। यह संकल्प है, अपने बलबूते खड़े होने का, नवाचार से अपनी जरूरतें पूरी करने का और अपनी क्षमता को विश्व के साथ साझा करने का। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों में यह मात्र सरकारी योजना नहीं, एक जीवंत जन-आंदोलन है। “आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत” का रास्ता स्वदेशी के प्रति समर्पण से ही होगा। देशवासियों को बस अपनी शक्ति और सामर्थ्य पहचानने की आवश्यकता है। आज मुझे ये कहते हुए हर्ष हो रहा है कि हमारा मध्यप्रदेश उन करोड़ों भारतवासियों के उस संकल्प को पूर्ण करने का माध्यम बन रहा है, जिस स्वप्न को हम “आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत” कहते हैं। संकट तमाम झेले हैं, हम बाधाओं से खेले हैं, किसी ने साथ दिया कि नहीं दिया, पथ के पर्वत हमने धकेले हैं।’

‘आज इस संकल्प का भी दिन है कि हमारा पुरुषार्थ और हमारा पराक्रम स्वदेश के हित में स्वदेशी को स्वीकारे और स्वदेशी का प्रसार करें। भारत की आत्मा में बसा “स्वदेशी” केवल आर्थिक नीति नहीं, बल्कि आत्म-सम्मान, आत्म-निर्भरता और वैश्विक नेतृत्व का मंत्र है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘ लोकल फॉर ग्लोबल’ के आह्वान के साथ हमें हर क्षेत्र-टेक्नोलॉजी, मैन्यूफैक्चरिंग, स्टार्टअप, कृषि, ऊर्जा और रक्षा में स्वदेशी को आधार बनाना है। इसका अर्थ है कि हर उत्पाद हमारे कौशल, हमारे श्रम और हमारे संसाधनों से निर्मित हों।’

प्राकृतिक खेती से लेकर सेमीकंडक्टर मिशन तक, अंतरिक्ष अनुसंधान से लेकर स्वदेशी युद्धपोत निर्माण तक, हमें भारत को नवाचार और उत्पादन की अग्रिम पंक्ति में खड़ा करना है। जिस तरह खादी के एक धागे ने स्वतंत्रता संग्राम को शक्ति दी थी, वैसे ही स्वदेशी का प्रत्येक कदम हमें विकसित भारत के संकल्प की ओर ले जाएगा। भारत की आत्मा में बसा “स्वदेशी” केवल आर्थिक नीति नहीं, बल्कि आत्म-सम्मान, आत्म-निर्भरता और वैश्विक नेतृत्व का मंत्र है। आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘ लोकल फॉर ग्लोबल’ के आह्वान के साथ हमें हर क्षेत्र-टेक्नोलॉजी, मैन्यूफैक्चरिंग, स्टार्टअप, कृषि, ऊर्जा और रक्षा में स्वदेशी को आधार बनाना है। इसका अर्थ है कि हर उत्पाद हमारे कौशल, हमारे श्रम और हमारे संसाधनों से निर्मित हों।

मध्यप्रदेश की प्रति व्यक्ति आय एक लाख 52 हजार

सीएम ने कहा, ‘मध्यप्रदेश की प्रति व्यक्ति आय एक लाख 39 हजार वार्षिक से बढ़कर वर्ष 2024-25 में एक लाख 52 हजार हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश सरकार GYAN अर्थात गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी, इन चार प्रमुख वर्गों के कल्याण के लिए संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है। मध्यप्रदेश सरकार ने चार मिशन- युवा शक्ति, नारी सशक्तिकरण, किसान-कल्याण और गरीब कल्याण मिशन प्रारंभ किए हैं।’

युवा कल्याण राज्य सरकार की प्राथमिकता है

‘प्रदेश में गठित स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन के तहत कौशल विकास, प्रशिक्षण, नवाचार और शोध को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रदेश के सभी शासकीय विभागों में एक लाख पदों पर भर्तियां की जा रही हैं। आगामी पांच वर्ष में 2 लाख 50 हजार भर्तियां करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। देश के केन्द्र में स्थित होने के कारण सभी दिशाओं में आसान पहुंच, कच्चे माल की उपलब्धता, कुशल मानव संसाधन, लॉजिस्टिक सुविधा और उद्योग हितैषी 18 नितियों के क्रियान्वयन से निवेशकों का भरोसा मध्यप्रदेश पर बढ़ा है। निवेश हितैषी औद्योगिक इकोसिस्टम के कारण मध्यप्रदेश के निर्यात में 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। मध्यप्रदेश ने वर्ष 2025 को उद्योग एवं रोज़गार वर्ष घोषित किया है। प्रदेश में 7 रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के बाद अब खनिज और पर्यटन जैसी विषयवार कॉन्क्लेव सम्पन्न की जा रही हैं।’

22 सौ करोड़ का निवेश

भोपाल में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रमुख आतिथ्य में “अनंत संभावनाएं” थीम पर “ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025” का आयोजन किया गया। निवेश संवर्धन क्षेत्र में भी हमने बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। उद्योग संवर्धन नीति के तहत 5 हजार करोड़ से अधिक की सहायता उद्यमियों को दी गई है, साथ ही, 15 नए औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिए 22 सौ करोड़ का निवेश किया गया है।

देश में एक हजार औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटन के लिए आशय पत्र और आवंटन आदेश जारी किए गए हैं, जिससे 40 हजार करोड़ रुपये का निवेश एवं 93 हजार से अधिक व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त होने की संभावना है। 

स्वदेशी अभियान “विकसित और आत्मनिर्भर” मध्यप्रदेश की आधारशिला रख रहा है

रायसेन जिले के उमरिया गांव में बीईएमएल आधुनिक रेल कोच कारखाने और धार जिले में पीएम मित्र पार्क के माध्यम से इन प्रयासों को बल मिलेगा। धार में पीएम मित्र पार्क से मध्यप्रदेश को टेक्सटाइल इंडस्ट्री में फॉर्म से फॉरेन तक नई दिशा मिलेगी। केंद्र सरकार के जन विश्वास अधिनियम, 2023 का अनुसरण करते हुए मध्यप्रदेश, ने प्रदेश में ईज ऑफ लिविंग और डूईंग बिजनेस के लिए जन विश्वास बिल पारित कर अधिसूचित किया है। ऐसा करने वाला मध्यप्रदेश, देश का पहला राज्य है।

18 खेलों की 11 अकादमियां सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में संचालित

मध्यप्रदेश में 18 खेलों की 11 अकादमियां सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में संचालित हैं। इनमें 80% खिलाड़ी प्रदेश से और 20% अन्य राज्यों से लिए जाते हैं, ताकि “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” की भावना को बढ़ावा मिले। ‘कोई चलता पद चिन्हों पर, कोई पद चिन्ह बनाता है… बस वही सूरमा वीर पुरुष, दुनिया में पूजा जाता है।’ वर्ष 2025-26 में हमारे होनहारों ने खेल के मैदान में शानदार प्रदर्शन किया है। खिलाड़ियों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 6 स्वर्ण, 9 रजत, 6 कांस्य और राष्ट्रीय स्तर पर 82 स्वर्ण, 65 रजत, 57 कांस्य पदक जीते हैं।

सीएम ने आगे कहा, ‘महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए देवी अहिल्या नारी सशक्तिकरण मिशन शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में बहनों को प्रतिमाह ₹1250 प्रदान किए जाते हैं, भाईदूज से यह राशि बढ़ा कर ₹1500 प्रतिमाह कर दी जाएगी। टेक्सटाइल सहित रोजगार परक उद्योगों में हमने प्रतिमाह युवतियों एवं युवकों को ₹5,000 की प्रोत्साहन राशि प्रदान करने का फैसला लिया है।’

किसानों के हित में फैसला

‘वर्तमान में किसानों को 5 रुपए में बिजली का स्थायी कनेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है। हमने 3 वर्षों में 32 लाख सोलर पंप उपलब्ध करा कर किसानों को बिजली बिल से मुक्ति दिलाने का लक्ष्य रखा है। किसान भाइयों को 10 लाख कनेक्शन देकर 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। मध्यप्रदेश में देश का सर्वाधिक प्रमाणित जैविक खेती क्षेत्र है। माननीय प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए हम निरंतर प्रयासरत हैं। मध्यप्रदेश के 14 लाख से अधिक किसानों के खातों में ₹1383 करोड़ फसल बीमा राशि जारी की गई है।’

6850 लोगों को मिलेगा रोजगार

मध्यप्रदेश में कृषि उद्योग समागम 2025 एक नई पहल है। इस समागम का आयोजन किसानों की आय बढ़ाने, कृषि को उद्यमिता से जोड़ने और आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया। मंदसौर में ₹3812 करोड़ के निवेश से 11 औद्योगिक इकाइयों का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ, जिससे 6850 लोगों को रोजगार मिलेगा। इसी तरह तीन दिवसीय समागम का आयोजन नरसिंहपुर में किया गया। 

डॉ. भीमराव अम्बेडकर कामधेनु योजना

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि एवं मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना में डेढ़ वर्ष में किसानों को कुल 46 हजार 700 करोड़ रुपये का वित्तीय समर्थन दिया गया। पशुपालन और डेयरी विकास के लिए सरकार द्वारा अभिनव योजनाएं प्रारंभ की गई हैं। डॉ. भीमराव अम्बेडकर कामधेनु योजना में पशुपालक को 25 दुधारू पशु गाय, भैंस, की इकाई प्रदान की जाएगी। योजना में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों के लिए 33 प्रतिशत एवं अन्य वर्ग के लिए 25 प्रतिशत अनुदान देने की व्यवस्था है।

प्रति गौ-वंश 40 रुपए

गौ-शालाओं में प्रति गौ-वंश दी जाने वाली ₹20 को बढ़ाकर ₹40 करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना में प्रदेश के ग्रामों को आत्म-निर्भर बनाया जाएगा। पीएम स्वनिधि योजना से प्रदेश के 8 लाख से अधिक हितग्राहियों को ₹10 हजार से ₹50 हजार तक की ऋण सहायता उपलब्ध कराई गई है। स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन में प्रदेश देश में पहले स्थान पर है।

रतलाम और ग्वालियर की मिल के मजदूरों को उनका हक दिलाया जाएगा

सीएम ने कहा, ‘श्रमिक हितों का संरक्षण हमारी प्राथमिकता है। श्रमिकों के लिए संबल योजना लागू है, जिसमें लगभग पौने दो करोड़ श्रमिक पंजीकृत हैं। श्रम कल्याण मंडल ने विभिन्न योजनाओं में 51 करोड़ रुपये की सहायता दी हैं। प्रदेश में अधिक से अधिक श्रमिकों के नियोजन एवं उद्योगों की सुगमता के लिए कारखाना अधिनियम 1948, औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 और ठेका श्रम अधिनियम 1970 में संशोधन किए गए हैं। प्रदेश में एक करोड़ 33 लाख परिवारों को निःशुल्क खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है। हुकुमचंद मिल की तरह रतलाम और ग्वालियर की मिल के मजदूरों को उनका हक दिलाया जाएगा।’

अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण के लिए हम प्रतिबद्ध

सीएम ने कहा, ‘अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। कक्षा 1 से महाविद्यालय स्तर तक के लगभग साढ़े 15 लाख विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। प्रदेश में जनजातीय वर्ग के समग्र विकास और कल्याण के लिए धरती आबा-जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की शुरूआत की गई है। प्रदेश में लोक निर्माण से लोक कल्याण का लक्ष्य है। आगामी पांच वर्ष में प्रदेश में नर्मदा प्रगति पथ, विंध्य एक्सप्रेस-वे, मालवा-निमाड़ विकास पथ, अटल प्रगति पथ, बुंदेलखंड विकास पथ एवं मध्य भारत पथ का निर्माण करवाया जाएगा। प्रदेश में एक लाख किलोमीटर सड़क और 500 रेल ओवरब्रिज एवं फ्लाईओवर का निर्माण किया जाएगा।’

2030 तक 50 प्रतिशत ऊर्जा, अक्षय स्रोतों से प्राप्त करना लक्ष्य

सीएम ने आगे कहा, ‘मजरा-टोला सड़क योजना में सुदूर बसाहटों को मुख्य मार्गों से जोड़ने के लिए 30 हजार किलोमीटर से अधिक सड़क निर्माण का लक्ष्य हमने रखा है। हमारा प्रदेश विद्युत उत्पादन में अग्रणी है। मुझे बताते हुए खुशी है कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 में नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में लगभग पौने 6 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इन निवेशों से 1 लाख 85 हजार नए रोज़गार सृजित होने की उम्मीद है। हमारा लक्ष्य वर्ष 2030 तक 50 प्रतिशत ऊर्जा, अक्षय स्रोतों से प्राप्त करना है।’

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