बहुत कम लोगों को यह पता होगा कि केदारनाथ से रामेश्वरम् तक के अधिकतर और प्रमुख शिव मंदिर लगभग एक ही समानांतर रेखा पर स्थित हैं. केदारनाथ और रामेश्वरम् के बीच लगभग 2,383 किमी की दूरी है. इन दोनों ही ज्योतिर्लिंगों के बीच 7 ऐसे मंदिर हैं, जो अद्भुत हैं. सबसे बड़ी बात यह कि ये सभी एक ही सीध में हैं. इनमें से पांच मंदिर पंच तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं. उत्तराखंड का केदारनाथ, तेलंगाना का कालेश्वरम्, आंध्रप्रदेश का कालहस्ती, तमिलनाडु का एकम्बरेश्वर, चिदंबरम् और रामेश्वरम् मंदिरों को 79°E 41’54’ लांगिट्यूड की भौगोलिक सीधी रेखा में बनाया गया है. इस रेखा को ‘शिव शक्ति अक्ष रेखा’ भी कहा जाता है.
इन मंदिरों का करीब 4,000 वर्ष पूर्व निर्माण तब किया गया था जबकि स्थानों के अक्षांश और देशांतर को मापने के लिए कोई उपग्रह तकनीक ही उपलब्ध नहीं थी. लेकिन ये सभी मंदिर यौगिक गणना के आधार पर बनाए गए हैं.
- केदारनाथ : केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है. इसे अर्द्धज्योतिर्लिंग कहते हैं. नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर को मिलाकर यह पूर्ण होता है. यह मंदिर 79.0669 डिग्री लांगिट्यूड पर स्थित है. यहां स्थित स्वयंभू शिवलिंग अतिप्राचीन है.
- कालेश्वर : तेलंगाना के करीमनगर जनपद स्थित कालेश्वरम् मंदिर में शिव को त्रिलिंगदेशम् (3 लिंगों की भूमि) के 3 मंदिरों में जाना जाता है. यह पर 2 शिवलिंग हैं. इन्हें शिव और यम का प्रतीक माना जाता है. 79.54′ 23′ E लांगिट्यूड पर मौजूद इस मंदिर को कालेश्वर मुक्तेश्वर स्वामी देवस्थानम् के नाम से जाना जाता है.
- श्रीकालाहस्ती मंदिर : यह मंदिर आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले के श्रीकालाहस्ती नामक जगह पर स्थित है, जो तिरुपति से मात्र 36 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इस मंदिर के देवता की प्राण-प्रतिष्ठा वायु तत्व के लिए की गई है. यह मंदिर 79.6983 डिग्री E लांगिट्यूड पर स्थित है.
- एकम्बरेश्वर मंदिर : यह मंदिर 79.42’00’ E लांगिट्यूड पर स्थित है. यहां शिवजी को धरती तत्व के रूप में पूजा जाता है. इस विशाल शिव मंदिर को पल्लव राजाओं द्वारा बनवाया गया और बाद में चोल एवं विजयनगर के राजाओं ने इसमें सुधार किया.
- अरुणाचल मंदिर : यह मंदिर 79.0677 E डिग्री लांगिट्यूड पर स्थित है. इसे तमिल साम्राज्य के चोलवंशी राजाओं ने बनाया था.
- तिलई नटराज मंदिर : यह मंदिर 79.6935 E डिग्री लांगिट्यूड पर स्थित है. इसका निर्माण आकाश तत्व के लिए किया गया है. यह मंदिर महान नर्तक नटराज के रूप में भगवान शिव को समर्पित है. नृत्य की 108 मुद्राओं का सबसे प्राचीन चित्रण चिदंबरम् में ही पाया जाता है.
- रामनाथ स्वामी मंदिर, रामेश्वरम् : यह मंदिर 79.3174 E डिग्री लांगिट्यूड पर स्थित है. इसके शिवलिंग की स्थापना भगवान श्रीराम ने की थी और मंदिर की स्थापना पांडवों ने की थी. यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है.