नई दिल्ली। कोरोना से बचने भारत वैक्सीनेशन पर ध्यान दे रहा है. बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर सरकार ने 18 साल के अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाने का फैसला किया है. लेकिन अब वैक्सीन की उत्पादन क्षमता पर सवाल उठाया जा रहा है. इसी बीच भारत बायोटेक का बयान सामने आया है, जिसमें साल में कोवैक्सीन की 70 करोड़ खुराक बनाने की क्षमता बढ़ाने की बात की है. हैदराबाद और बेंगलुरु में चरणबद्ध तरीके से इस लक्ष्य को हासिल किया जाएगा.

कंपनी ने बताया कि भारत बायोटेक कम समय में कोवैक्सीन बनाने की क्षमता का विस्तार करने में सक्षम है. इसका मुख्य कारण विशेष रूप से डिज़ाइन किये गए BSL-3 सुविधाओं की उपलब्धता है. वहीं अन्य देशों में वैक्सीन निर्माण के लिए विशेषज्ञ पार्टनर खोजे जा रहे हैं.

कंपनी ने कहा कि टीका निर्माण में क्षमता विस्तार एक लंबी प्रक्रिया है. इसके लिए कई करोड़ रुपये और कई वर्षों के निवेश की आवश्यकता होती है.

भारत बायोटेक ने क्षमता बढ़ाने के लिए भारतीय प्रतिरक्षाविदों (IIL) के साथ भागीदारी की है. प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की प्रक्रिया अच्छी तरह से चल रही है. आईच आईएल के पास वाणिज्यिक पैमाने पर और जैव सुरक्षा नियंत्रण के तहत निष्क्रिय वायरल टीकों के निर्माण की क्षमता और विशेषज्ञता है.

बता दें कि कोवैक्सीन को दुनिया के कई देशों में आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिली है. इसके साथ ही 60 के करीब देशों में बातचीत जारी है. मैक्सिको, फिलीपींस, ईरान, पैराग्वे, ग्वाटेमाला, निकारागुआ, गुयाना, वेनेजुएला, बोत्सवाना, जिम्बाब्वे सहित कई अन्य देशों में आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिली है.