INDIA ब्लॉक की ओर से बी सुदर्शन रेड्डी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार होंगे. जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज रह चुके हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को बी सुदर्शन रेड्डी के नाम की घोषणा की. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उपराष्ट्रपति पद के लिए बी सुदर्शन रेड्डी के नाम पर सभी विपक्षी दल एकमत हैं.

बी. सुदर्शन रेड्डी का जन्म 8 जुलाई, 1946 को हुआ था. उन्होंने बीए और एलएलबी की पढ़ाई की है. बी. सुदर्शन रेड्डी का न्यायशास्त्र में समृद्ध करियर रहा है. 27 दिसंबर, 1971 को वे हैदराबाद में आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुए. उन्होंने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में रिट और सिविल मामलों में प्रैक्टिस की है.

बी. सुदर्शन रेड्डी ने 1988-90 के दौरान उच्च न्यायालय में सरकारी वकील के रूप में काम किया. उन्होंने 1990 के दौरान 6 महीने की अवधि के लिए केंद्र सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील के रूप में भी काम किया. उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय के लिए कानूनी सलाहकार और स्थायी वकील के रूप में काम किया. 2 मई, 1995 को उन्हें आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया।. उन्हें 05.12.2005 को गुवाहाटी उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया. सुप्रीम कोर्ट में बतौर न्यायाधीश उनका करियर 12 जनवरी 2007 को शुरू हुआ. यहां से वह 8 जुलाई 2011 को रिटायर हुए.

तेलंगाना की सोशल इंजीनियरिंग में रोल

तेलंगाना की सोशल इंजीनियरिंग में बी. सुदर्शन रेड्डी का बड़ा रोल रहा है. तेलंगाना सरकार ने 2023 के विधानसभा चुनावों में किए गए वादे के तहत सामाजिक-आर्थिक, शैक्षिक, रोजगार, राजनीतिक और जातिगत सर्वेक्षण (SEEEPC) शुरू किया था. इस सर्वेक्षण के आंकड़ों का विश्लेषण करने और इसकी सटीकता सुनिश्चित करने के लिए एक विशेषज्ञ पैनल का गठन किया गया जिसकी अध्यक्षता बी. सुदर्शन रेड्डी ने की.इस पैनल का मुख्य उद्देश्य था कि सर्वेक्षण में एकत्र किए गए डेटा में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो. इसके अलावा इस पैनल की यह भी जिम्मेदारी थी कि वह यह सुनिश्चित करे कि आंकड़े विश्वसनीय, पारदर्शी और नीति निर्माण के लिए उपयोगी हों.

INDIA ब्लॉक ने बी. सुदर्शन रेड्डी पर क्यों लगाया दांव

दरअसल इंडिया ब्लॉक उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए किसी ऐसे चेहरे पर दांव लगाना चाहता था जिनकी विश्वसनीयता और साख सवालों से परे हो और साथ ही साथ वो गैर राजनीतिक व्यक्ति हो. रेड्डी इस मानक पर खरे उतर रहे थे.

एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन का नाम उपराष्ट्रपति पद के लिए घोषित कर द्रविड पार्टियों के लिए धर्मसंकट की स्थिति पैदा करने की कोशिश की थी. क्योंकि दक्षिण की पार्टी होकर दक्षिण के कैंडिडेट का विरोध करना उनके लिए राजनीतिक रूप से मुफीद नहीं हो सकता था. लेकिन बी सुदर्शन रेड्डी का नाम सामने लाकर INDIA ब्लॉक ने एनडीए की इस चाल को मात दे दी है. अब बी सुदर्शन रेड्डी का नाम सामने आने के बाद टीडीपी, वाईआरसीपी और बीआरएस जोकि अबतक NDA के उम्मीदवार को समर्थन कर रहे थे उनको अपनी समर्थन रणनीति पर दोबारा विचार करना पड़ सकता है.

इंडिया ब्लॉक का कहना है कि एनडीए अपने कैंडिडेट को संघ से लेकर आई है जबकि हम सुप्रीम कोर्ट से लेकर आए हैं. बी सुदर्शन रेड्डी का नाम विपक्ष में शामिल सभी दलों की मांग को पूरा करता है. डीएमके उपराष्ट्रपति पद के लिए दक्षिण भारत से किसी का नाम चाहता था. वहीं तृणमूल कांग्रेस गैर राजनीतिक व्यक्ति का नाम चाहता था. सुदर्शन रेड्डी के नाम से उनकी ये अभिलाषा पूरी हो गई है. आम आदमी पार्टी ने भी बी सुदर्शन रेड्डी को अपना समर्थन देने की घोषणा की है.

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