सेना के सूत्रों ने बताया कि इस साल अप्रैल से पहले सेना की तैनाती जहां थी वे वापस वहीं चले जाएंगे। 6 नवंबर को चुशुल में हुई आठवें कमांडर स्तर की वार्ता के दौरान सेना को हटाने को लेकर दोनों पक्षों के बीच बातचीत की गई थी। अब नए समझौते के मुताबिक दोनों पक्षों की सेना की वापसी तीन चरणों में कराई जाएगी जो एक सप्ताह तक चलेगी। इस वार्ता में बनाई गई योजना के तहत तीन चरणों में पैंगोंग झील इलाके को पहले हफ्ते में खाली किया जाएगा और तमाम टैंक और सैनिकों को वापस भेजा जाएगा।
बातचीत में तय हुआ है कि चरणबद्ध तरीके से दोनों देशों की सेनाएं फिंगर इलाके, पैंगोंग झील क्षेत्र को खाली कर अपनी पुरानी स्थिति पर पहुंचेंगी। इसकी सहमति बन गई है। बता दें कि दूसरे चरण में दोनों देश पैंगोंग इलाके के पास से प्रतिदिन 30 फीसदी सैनिकों को हटाएंगी, तीन दिनों तक यह प्रक्रिया जारी रहेगी। इसकी मानिटरिंग भी दोनों पक्षों के द्वारा की जाएगी। इसके बाद पहले वाली स्थिति में दोनों देशों की सेनाएं पहुंच जाएंगी।