नई दिल्ली। भारत वर्ष 2024 में वैश्विक खेल महाशक्ति के रूप में उभर कर सामने आया है, जिसमें विभिन्न खेल स्पर्धाओं में ऐतिहासिक उपलब्धियों की एक श्रृंखला शामिल है। यह उल्लेखनीय सफलता पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में किए गए निरंतर प्रयासों का परिणाम है, जिसमें खेलो इंडिया जैसी ऐतिहासिक पहल भी शामिल है। यह योजना जमीनी स्तर की प्रतिभाओं को निखारने के लिए शुरू गई है और टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) भी है, जो शीर्ष एथलीटों को विश्व स्तरीय सहायता प्रदान करती है।

बता दें कि हाल के वर्षों में भारत ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं जैसे कि भारत ने 2023 के एशियाई खेलों में रिकॉर्ड 107 पदक जीते, कई चैंपियनशिप और ओलंपिक में नीरज चोपड़ा का शानदार प्रदर्शन और फिट इंडिया मोमेंट तथा विभिन्न खेलो इंडिया गेम्स संस्करण भारतीय खेलों के इस स्वर्णिम युग की ओर निरंतर प्रगति को रेखांकित करते हैं। खेल अब महज मनोरंजन से कहीं आगे बढ़ कर एक सम्मानित कैरियर विकल्प बन गए हैं, जो लाखों युवा भारतीयों को अपने एथलेटिक सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी: भारतीय खेलों के सबसे बड़े चीयरलीडर!

प्रधानमंत्री मोदी लगातार ओलंपिक और राष्ट्रीय खेलों सहित विभिन्न आयोजनों में एथलीटों से जुड़े रहे हैं। यहां तक ​​कि उनके भाषणों में भी अक्सर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारतीय एथलीटों की सफलताओं पर प्रकाश डाला जाता है, जिससे नागरिकों में गर्व की भावना पैदा होती है।

ए. पेरिस ओलंपिक के बाद, उन्होंने पदक विजेताओं तथा पोडियम स्थान से चूकने वालों, दोनों की प्रशंसा की और इस बात पर बल दिया कि प्रत्येक खिलाड़ी की यात्रा भारत की खेल विरासत में योगदान देती है।

बी. प्रधानमंत्री ने पेरिस पैरालिंपिक 2024 से पहले सार्वजनिक रूप से भारतीय दल की सफलता की कामना करते हुए कहा था कि उनका साहस और दृढ़ संकल्प पूरे देश को प्रेरित करता है। खेल कार्यक्रम के बाद, सभी खिलाड़ियों को प्रधानमंत्री आवास पर आमंत्रित किया गया, जहां प्रधानमंत्री ने उनका स्वागत किया और खेलों में उनके प्रयासों की सराहना की। पैरा-ओलंपियन योगेश कथुनिया ने प्रधानमंत्री को ‘परम मित्र’ कहा और प्रत्येक खिलाड़ी को उनसे मिलने वाले प्रोत्साहन पर प्रकाश डाला।

सी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वर्ण पदक विजेता भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा से मुलाकात के दौरान, उनकी मां से जुड़कर दिल को छू लेने वाला भाव प्रकट किया। उन्होंने एक हल्के-फुल्के माहौल में यह साझा किया कि किस तरह से वे टोक्यो ओलंपिक में नीरज की जीत के बाद उनके प्रसिद्ध लड्डू का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। इस व्यक्तिगत गर्मजोशी ने न केवल श्री मोदी की संवेदनाओं को दर्शाया, बल्कि एक एथलीट की यात्रा में परिवार के समर्थन के महत्व को भी उजागर किया।
डी. प्रधानमंत्री जी उस समय भावुक हो गए, जब उन्हें शतरंज खिलाड़ी वंतिका अग्रवाल से एक खास तोहफा मिला। वंतिका ने उन्हें 2012 में आयोजित ‘स्वामी विवेकानंद महिला शतरंज महोत्सव’ की एक अनमोल तस्वीर भेंट की, जहां गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी उन्हें पुरस्कार दे रहे थे।

ऐसे अनगिनत पल हैं जो खिलाड़ियों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के व्यक्तिगत जुड़ाव को उजागर करते हैं, उन्हें प्रेरित करते हैं, उन्हें मूल्यवान महसूस कराते हैं और देश के लिए जीतने के जज्बा भरकर प्रेरित करते हैं। वे प्रतियोगिता से पहले, उसके दौरान और बाद में भी लगातार खिलाड़ियों से बातचीत करते हैं, फिर चाहे वे जीतें या हारें, लेकिन श्री मोदी पूरे समय उनका उत्साहवर्धन करते हैं। प्रधानमंत्री वास्तव में उनके लिए ताकत का स्तंभ हैं।

भारत अब खेल के बड़े सपनों की तरफ चल रहा है

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने 2036 में भारत में ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों की मेजबानी करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वप्न को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आधिकारिक तौर पर देश की रुचि व्यक्त की है। भारतीय ओलंपिक संघ ने नवंबर में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के भावी मेजबान आयोग को एक आशय पत्र प्रस्तुत किया, जो इस प्रतिष्ठित वैश्विक आयोजन के लिए भारत की औपचारिक बोली को चिह्नित करता है।

खेलो इंडिया और टॉप्स ने भारत की वैश्विक खेल पहचान को बढ़ाया

खेलो इंडिया और टॉप्स जैसे खेल कार्यक्रमों के लिए मोदी सरकार का निरंतर समर्थन भारत की अंतरराष्ट्रीय पहचान में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। ‘खेलो इंडिया’ का उद्देश्य देश भर में खेल उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए एक जन आंदोलन को बढ़ावा देना है। यह योजना 119 मिलियन अमरीकी डॉलर के वार्षिक बजट के साथ शुरू की गई, जो जमीनी स्तर पर प्रतिभा की पहचान और विकास को बढ़ावा देती है और हर साल 2,700 से अधिक बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान करती है।

दरअसल, हांगझोऊ में आयोजित एशियाई खेलों में भाग लेने वाले भारतीय दल में कुल 124 एथलीट खेलो इंडिया के एथलीट थे और उन्होंने 106 पदकों में से 42 पदक जीतकर विशिष्ट योगदान दिया। खेलो इंडिया महिला लीग का नाम बदलकर अस्मिता महिला लीग कर दिया गया। साल 2021 से अब तक अस्मिता के लगभग चार सत्र आयोजित किए जा चुके हैं, जिसमें 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 20 खेलों में कुल 83615 महिला खिलाडियों ने भाग लिया है।

खेलो इंडिया योजना के तहत कुल 2,781 एथलीटों (केआईए) की पहचान की गई है और उन्हें विशेष कोचिंग, उपकरण, चिकित्सा देखभाल तथा मासिक भत्ते सहित व्यापक सहायता प्रदान की जाती है। पेरिस 2024 ओलंपिक के लिए 117 एथलीटों के भारतीय दल में 28 खेलो इंडिया एथलीट शामिल थे, जो खेल कार्यक्रम की सफलता और राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों में भारत के प्रदर्शन को बढ़ाने में इस योजना की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालता है। ‘टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स)’ एथलीटों को ओलंपिक और अन्य अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की तैयारी में सहायता करती है। विशेष रूप से, पेरिस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले 117 एथलीटों में से 28 खेलो इंडिया एथलीट थे। इसी तरह, भारत की पैरालंपिक टीम, जिसमें 18 खेलो इंडिया एथलीट शामिल रहे हैं, उसने 29 पदक हासिल किये हैं, जो पेरिस पैरालिंपिक 2024 में अब तक का सर्वाधिक पदक आंकड़ा है।

ओलंपिक 2024 में भारत

यह साल भारत की खेल यात्रा के लिए एक परिवर्तनकारी वर्ष साबित हुआ है, जिसमें ओलंपिक और पैरालिंपिक दोनों की सफलताएं शामिल हैं। खेल उत्कृष्टता के लिए भारत सरकार की अटूट प्रतिबद्धता पेरिस 2024 ओलंपिक के लिए 470 करोड़ रुपये से अधिक के ऐतिहासिक धन आवंटन के माध्यम से स्पष्ट हुई है। मोदी सरकार ने यह सुनिश्चित करने में अद्वितीय समर्थन प्रदर्शित किया है कि एथलीटों को बढ़ावा देने के लिए सबसे अच्छा वातावरण मिले, ओलंपिक खेल गांव में एथलीटों को 40 पोर्टेबल एयर कंडीशनर प्रदान किए। एथलीटों की जरूरतों के प्रति यह संवेदनशीलता खेल के बुनियादी ढांचे की बारीकियों पर भारत के बढ़ते ध्यान को दर्शाती है।

मनु भाकर ने ओलंपिक के एक ही संस्करण में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनकर इतिहास रच दिया। स्वप्निल कुसाले ने निशानेबाजी में तीसरा पदक जीतकर ओलंपिक के एक ही संस्करण में किसी खेल में भारत का सबसे बड़ा पदक बना दिया। भाला फेंक में रजत पदक जीतने के बाद नीरज चोपड़ा सबसे सफल व्यक्तिगत ओलंपियन बन गए। कुश्ती में कांस्य पदक जीतकर अमन शेरावत भारत के सबसे युवा ओलंपिक पदक विजेता बन गए।

अवनी लेखरा ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 में स्वर्ण पदक जीता, जबकि नितेश कुमार ने बैडमिंटन में अपना दबदबा कायम रखते हुए पुरुष सिंगल्स एसएल3 में स्वर्ण पदक जीता। सुमित अंतिल और धरमबीर ने क्रमशः पुरुषों की भाला फेंक एफ64 तथा पुरुषों की क्लब थ्रो एफ51 में स्वर्ण पदक जीतकर पदक तालिका में अपना नाम जोड़ा। तीरंदाजी में हरविंदर सिंह ने पुरुषों की व्यक्तिगत रिकर्व ओपन में स्वर्ण पदक जीता, जबकि नवदीप सिंह ने पुरुषों की भाला फेंक एफ41 में जीत हासिल की। ​​कई अन्य एथलीटों ने देश की प्रभावशाली पदक संख्या में योगदान दिया, जिससे यह भारतीय पैरा-स्पोर्ट्स के लिए वास्तव में सामूहिक उपलब्धि बन गई। खेलो इंडिया और टॉप्स जैसी सरकारी योजनाओं के सहयोग ने इन एथलीटों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे वे बाधाओं को तोड़कर वैश्विक मंच पर भारत के स्थान को फिर से परिभाषित कर पाए हैं।

विभिन्न खेलों में ऐतिहासिक उपलब्धियां

शतरंज में, डी गुकेश हाल ही में सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बने, जिन्होंने कम उम्र में यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करके भारत को बहुत गौरवान्वित किया। 2024 तक शतरंज की विरासत वैशाली रमेश बाबू जैसी विलक्षण प्रतिभा के साथ जारी रही, जिन्हें फिडे द्वारा ग्रैंडमास्टर की उपाधि से सम्मानित किया गया है। वैशाली कोनेरू हंपी और हरिका द्रोणावल्ली के बाद तीसरी भारतीय महिला ग्रैंडमास्टर हैं। भारत की शतरंज टीम ने हंगरी में 45वें शतरंज ओलंपियाड में ओपन और महिला दोनों वर्गों में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। महिला टीम ने इस प्रतिष्ठित आयोजन में पहला स्वर्ण पदक हासिल किया।
क्रिकेट में, भारत के बेहतरीन क्रिकेटरों में से एक विराट कोहली को आईसीसी वनडे प्लेयर ऑफ द ईयर 2023 से सम्मानित किया गया। भारतीय बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव ने आईसीसी मेन्स टी20 क्रिकेटर ऑफ द ईयर 2023 का पुरस्कार जीता। यह इस श्रेणी में उनका लगातार दूसरा पुरस्कार था। 23 वर्षीय घुड़सवार दिव्याकृति सिंह ने एक उल्लेखनीय अर्जुन पुरस्कार हासिल किया है और घुड़सवारी के क्षेत्र में यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला के रूप में अपना स्थान बनाया है।

भारत की महिला डबल्स जोड़ी अयहिका मुखर्जी और सुतिर्था मुखर्जी ने कजाखस्तान के अस्ताना में एशियाई टेबल टेनिस चैंपियनशिप में ऐतिहासिक कांस्य पदक हासिल करके इतिहास रच दिया, जो इस वर्ग में देश का पहला पदक है।
भारत के पहलवानों ने किर्गिजस्तान में एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में चार रजत और पांच कांस्य पदक जीते, जिससे उनकी योग्यता काफी साबित हुई। भारत ने दुबई में आयोजित एशियाई अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2024 में सात स्वर्ण, 11 रजत और 11 कांस्य पदक जीतकर तीसरा स्थान हासिल किया। भारत के गुलवीर सिंह ने जापान में हचियोजी लॉन्ग डिस्टेंस 2024 एथलेटिक्स मीट में पुरुषों की 10,000 मीटर स्पर्धा में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। भारत के मान सिंह ने हांगकांग, चीन में दो घंटे, 14 मिनट और 19 सेकंड (2:14:19) के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ एशियाई मैराथन चैंपियनशिप 2024 में स्वर्ण पदक जीता।

मुक्केबाजी की दुनिया में, मंदीप जांगड़ा ने वाशिंगटन के टॉपेनिश शहर में अमरीका के गेरार्डो एस्क्विवेल को हराकर अमरीका स्थित नेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन का अंतरमहाद्वीपीय सुपर फेदरवेट खिताब जीता। भारत ने चीनी ताइपे और चीन को पछाड़कर मालदीव के खूबसूरत थुलुसधू द्वीप पर होने वाली एशियाई सर्फिंग चैंपियनशिप 2024 की टीम स्पर्धा मारुहाबा कप में रजत पदक हासिल किया। जूनियर विश्व वुशु चैंपियनशिप में, भारतीय टीम ने ब्रुनेई के बंदर सेरी बेगावान में दो स्वर्ण सहित सात पदक पक्के किये। इनके अलावा, भारत में महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने वाली एक महत्वपूर्ण शुरुआत में कैप्री स्पोर्ट्स के स्वामित्व वाली महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) टीम यूपी वारियर्स को यूएन विमेन द्वारा ‘जनरेशन इक्वालिटी एली’ के रूप में मान्यता दी गई है। भारतीय खेलों के लिए यह उल्लेखनीय वर्ष देश के एथलीटों के अथक समर्पण और प्रतिभा को प्रदर्शित करता है।

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