Donald Trump Tariff War: डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) जैसा को तैसा प्लान के तहत भारत (India) के खिलाफ टैरिफ लगाने के लिए लगातार धमकी दे रहे हैं। ट्रंप की टैरिफ (Tariff) नीतियां अब भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बनती जा रही हैं। देश-स्तरीय रेसिप्रोसिटी, इसके तहत अमेरिका सभी आयातों पर टैरिफ बढ़ा सकता है। इससे भारतीय आयातों पर अमेरिकी टैरिफ दर में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि होगी। इससे भारत के खजाने पर अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा। ट्रंप की लागातर मिलती धमकी के बाद डोनाल्ड ट्रंप के ‘टैरिफ वार’ का भारत ने काट खोजना शुरू कर दिया है। इसी बीच भारत और ब्रिटेन जल्द ही बड़े व्यापार समझौते पर बात शुरू करने वाले हैं।
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भारत ने सोमवार (24 फरवरी) को ब्रिटेन की नई लेबर पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के साथ लंबे समय से रुके हुए दो बड़े व्यापार सौदों के लिए वार्ता शुरू कर दी है। ये बात यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन की भारत यात्रा से पहले शुरू हुई है। ब्रिटेन के साथ व्यापार समझौते की शुरुआत 2022 में हुई थी। यह किसी पश्चिमी देश के साथ भारत का पहला पूर्ण समझौता होगा, जो आर्थिक एकीकरण की सुविधा प्रदान करेगा।
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दरअसल भारत और यूरोपीय संघ के बीच नौ दौर की वार्ता हो चुकी है, जिसमें 10वें दौर की वार्ता 10-14 मार्च को ब्रुसेल्स में होने वाली है। वाणिज्य मंत्रालय ने पिछले महीने एक बयान में कहा था कि नौवें दौर में माल, सेवाओं, निवेश, सरकारी खरीद, उत्पत्ति के नियम, स्वच्छता और फाइटोसैनिटरी (एसपीएस) उपायों और तकनीकी व्यापार बाधाओं सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई।
इन मुद्दों पर भी हो सकती है बात
भारत और यूरोपीय संघ के बीच होने वाली इस बैठक में व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद भी हिस्सा ले सकती हैं, जिसे विवादास्पद कार्बन सीमा समायोजन तंत्र (सीबीएएम) जैसे मुद्दों को हल करने के लिए शुरू किया गया है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा, “भारत और ब्रिटेन ने चुनाव के कारण रुके हुए व्यापार सौदे के लिए बातचीत की मेज पर लौटने का फैसला किया है. सौदे की रूपरेखा का फिर से मूल्यांकन करने की जरूरत है। दोनों देश तीन अलग-अलग मोर्चों (मुक्त व्यापार समझौता, द्विपक्षीय निवेश संधि और दोहरा योगदान सम्मेलन समझौता) पर बात कर रहे हैं। ये सब आपस में जुड़ा हुआ है।
डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ भारत के GDP की बढ़ती रफ्तार के सामने आ रहा
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की टैरिफ (Tariff) नीतियां अब भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बनती जा रही हैं। गोल्डमैन सैक्स की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका द्वारा प्रस्तावित टैरिफ में बढ़ोतरी से भारत की GDP ग्रोथ पर 0.1 से 0.6 फीसदी तक का असर पड़ सकता है। भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध पिछले एक दशक में तेजी से बढ़े हैं। 2014 में भारत का अमेरिका के साथ ट्रेड सरप्लस 17 बिलियन डॉलर (भारत की GDP का 0.9 फीसदी) था, जो 2024 में 35 बिलियन डॉलर (भारत की GDP का 1.0 फीसदी) हो गया है।
भारत की अमेरिकी एक्सपोर्ट पर निर्भरता GDP का 2 फीसदी है, जो उभरती अर्थव्यवस्थाओं में सबसे कम मानी जाती है। लेकिन अगर अमेरिका 11.5 फीसदी अंक तक टैरिफ बढ़ाता है, तो भारत की GDP 0.12 फीसदी अंक तक घट सकती है। अगर अमेरिका सभी देशों पर समान टैरिफ लागू करता है, तो 6.5 से 11.5 प्रतिशत अंक की टैरिफ वृद्धि से भारत की GDP 0.1 से 0.6 प्रतिशत अंक तक प्रभावित हो सकती है।
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