प्रदूषण विरोधी इंडिया गेट प्रोटेस्ट मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया। सुनवाई के दौरान पुलिस ने बताया कि बिना अनुमति के प्रोटेस्ट आयोजित किया गया। इसके बाद कोर्ट ने आरोपी रवजोत, गुरकीरत और क्रांति को 3 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया और निर्देश दिया कि महिला आरोपियों से पूछताछ महिला ऑफिसर करेगी। वहीं, आरोपी आयशा वाफिया को 3 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा गया। दिल्ली पुलिस ने इन चारों की 10 दिन की कस्टडी मांगी थी।

इस मामले में बाकी आठ आरोपियों को 7 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया। आरोपियों के वकील ने दलील दी कि पुलिस के पास छात्रों से पूछताछ करने के लिए पर्याप्त समय था और अब तक उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।

दिल्ली पुलिस ने सोमवार को अदालत में दावा किया कि 23 नवंबर को इंडिया गेट पर हुए प्रदूषण-विरोधी प्रदर्शन के दौरान झड़प की योजना छात्रों ने पांच व्हाट्सऐप ग्रुप्स के माध्यम से बनाई थी। इन ग्रुप्स में नक्सली कमांडर मड़वी हिडमा के समर्थन में संदेश भी साझा किए गए थे। पुलिस ने बताया कि सभी आरोपी छात्र इन ग्रुप्स के सदस्य थे और कुछ एडमिन भी थे। इनमें कॉर्डिनेशन ग्रुप फॉर प्रोटेस्ट 23, डीयू अगेंस्ट एयर पलूशन, एसएफएस एयर पलूशन प्रोटेस्ट, बीससीईएम और हिमखंड अनाउंसमेंट शामिल थे। एक चैट में जब किसी ने पूछा कि प्रदूषण विरोधी प्रदर्शन हिडमा के समर्थन में क्यों बदल गया, तो जवाब मिला, “हिडमा और उनके साथी पर्यावरण की रक्षा करते थे, इसलिए उनका मुद्दा भी हमारा मुद्दा है।”

आरोपियों के वकील क्या बोले?

आरोपियों के वकील ने कहा कि वे छात्रों से पूछताछ करना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि ये छात्र पहले संसद मार्ग पुलिस थाने में दर्ज इसी तरह के एक अन्य मामले में पहले ही जमानत पर रह चुके हैं। कोर्ट ने सुनवाई के बाद तीन लोगों को 3 दिन की पुलिस कस्टडी में और आयशा वाफिया को 3 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया। वकील ने कहा कि अगली सुनवाई में छात्रों को जमानत दिलाने का प्रयास किया जाएगा।

इन सवालों के जवाब ढूंढ रही पुलिस

इंडिया गेट प्रोटेस्ट के पीछे क्या बड़ी साजिश थी, कौन लोग इन बहनों का समर्थन कर रहे थे और क्या यह सिर्फ एक सहज प्रोटेस्ट था या इसके पीछे कोई संगठित नेटवर्क काम कर रहा था इन सभी सवालों की जांच जारी है। पुलिस अब कस्टडी में लिए गए आरोपियों से इन सवालों के संबंध में पूछताछ करेगी। इसके अलावा, आरोपियों और प्रतिबंधित संगठन RSU के बीच संबंध का भी पता लगाया जा रहा है।

क्या है पूरा मामला?

इंडिया गेट प्रोटेस्ट मामले में कुल 23 प्रदर्शनकारी दो अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार किए गए हैं। इनमें से 17 लोगों को संसद मार्ग थाने में हुई झड़प के मामले में और 6 प्रदर्शनकारी कार्तव्य पथ थाने में पेपर स्प्रे के आरोप में पकड़े गए। संसद मार्ग केस के 15 आरोपियों को पुलिस ने कार्तव्य पथ केस में दोबारा गिरफ्तार किया। इनमें से 7 आरोपियों को 25 नवंबर को और 8 को शुक्रवार को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया।

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