नई दिल्ली। कोरोना के संक्रमण को रोकने में काफी हद तक कामयाब रहने वाले भारत को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) में एक अहम जिम्मेदारी मिलने जा रही है. भारत 22 मई को WHO के एग्जिक्यूटिव बोर्ड का चेयरमैन बनने जा रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन अगले WHO एग्जिक्यूटिव बोर्ड के चेयरमैन बन सकते हैं. भारत में कोरोना से लड़ाई में अहम भूमिका निभा रहे है. भारत दुनिया के उन 10 चुनिंदा देशों में है, जिन्हें अगले तीन सालों के लिए एग्जिक्यूटिव बोर्ड में जगह मिली है.
भारत के लिए गर्व की बात ये है कि उसे एग्जिक्यूटिव बोर्ड का चेयरमैन देश चुना गया है. इसके अलावा WHO सदस्य देशों ने कोरोना संक्रमण रोकने में विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका की निष्पक्ष जांच कराने का फैसला लिया है.
भारत डब्ल्यूएचओ की इस बॉडी में जापान की जगह लेगा. अभी जापान के डॉ हिरोकी नाकाटानी एग्जिक्यूटिव बोर्ड के सदस्य हैं. भारत के अलावा इस बोर्ड में बोत्सवाना, कोलंबिया, घाना, गिनी-बिसाऊ, मेडागास्कर, ओमान, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, रूस और ब्रिटेन को जगह मिली है.
भारत के पास ये अहम जिम्मेदारी उस वक्त आ रही है जब कोरोना वायरस को लेकर चीन और अमेरिका के बीच तल्खी है. कोरोना वायरस संक्रमण की सही जानकारी नहीं देने पर अमेरिका चीन से खफा है और इस मामले में कार्रवाई की मांग कर रहा है. ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देश भी इस मामले चीन के खिलाफ जांच की मांग कर रहे हैं.
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के इतिहास में पहली बार 18-19 मई को जेनेवा में टेलीकॉन्फ्रेन्सिन्ग के जरिये वर्ल्ड हेल्थ एसेम्बली आयोजित की गई थी. इस एसेम्बली में दुनिया भर में अब तक 47 लाख लोगों को संक्रमित करने वाले और तीन लाख से ज़्यादा लोगों की जान लेने वाले कोरोना वायरस से प्रभावी ढंग से निपटने पर चर्चा हुई.