भारत सरकार ने पाकिस्तान से आने वाली सभी प्रकार की डाक और पार्सल सेवाओं के आदान-प्रदान को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने का निर्णय लिया है. यह निर्णय हवाई और जमीनी दोनों मार्गों पर लागू होगा. इसके साथ ही, भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई अन्य महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनमें सभी प्रकार के आयात पर पूर्ण प्रतिबंध और पाकिस्तानी झंडे वाले जहाजों के भारतीय बंदरगाहों पर प्रवेश पर रोक शामिल है. डाक विभाग द्वारा जारी एक सार्वजनिक नोटिस में इस निलंबन की जानकारी दी गई है.

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पाकिस्तान के साथ डाक सेवाओं का इतिहास

भारत और पाकिस्तान के बीच डाक सेवाओं का आदान-प्रदान लंबे समय से सीमित रहा है. अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पाकिस्तान ने कुछ समय के लिए इन सेवाओं को निलंबित कर दिया था, लेकिन तीन महीने बाद इन्हें फिर से बहाल कर दिया गया. हालाँकि, वर्तमान तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए भारत सरकार ने सभी डाक और पार्सल सेवाओं को पूरी तरह से बंद करने का निर्णय लिया है.

क्या होगा इसका असर?

इस निलंबन के परिणामस्वरूप, दोनों देशों के बीच पत्राचार, व्यापारिक डाक, और व्यक्तिगत पार्सलों का आदान-प्रदान पूरी तरह से रुक जाएगा. विशेषज्ञों का मानना है कि इसका सबसे गंभीर प्रभाव उन व्यक्तियों पर पड़ेगा जो पारिवारिक या व्यापारिक संवाद के लिए इस व्यवस्था पर निर्भर हैं. इसके अतिरिक्त, यह निर्णय पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित कर सकता है, क्योंकि भारत से आयातित कुछ वस्तुओं का परिवहन डाक सेवाओं के माध्यम से किया जाता था.

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पाकिस्तान से आयात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध

भारत ने आज राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के मद्देनजर पाकिस्तान से सभी वस्तुओं के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आयात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है. एक सरकारी आदेश के अनुसार, इस कदम से पाकिस्तान से भारत में माल की सभी आवक पूरी तरह से बंद हो जाएगी. पिछले साल अप्रैल से इस साल जनवरी तक भारत का पाकिस्तान को निर्यात 44.76 करोड़ डॉलर रहा, जबकि आयात केवल 4.2 लाख डॉलर था.

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने दो मई को एक अधिसूचना जारी की, जिसमें बताया गया कि विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) 2023 में एक नया प्रावधान जोड़ा गया है. इस प्रावधान के तहत पाकिस्तान में निर्मित या वहां से निर्यात किए जाने वाले सभी सामानों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात और पारगमन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है.

इसमें उल्लेख किया गया है कि यह प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के दृष्टिकोण से लगाया गया है. आदेश में स्पष्ट किया गया है कि इस प्रतिबंध के किसी भी अपवाद के लिए भारत सरकार की अनुमति आवश्यक होगी. एफटीपी में ‘पाकिस्तान से आयात पर प्रतिबंध’ शीर्षक के तहत कहा गया है कि पाकिस्तान से आयात या निर्यात किए जाने वाले सभी सामानों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात या पारगमन, चाहे वह स्वतंत्र रूप से आयात योग्य हो या अन्यथा अनुमति प्राप्त हो, तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक प्रतिबंधित रहेगा.

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अप्रैल से जनवरी 2024-25 के बीच पड़ोसी देश से मुख्य आयात में फल और मेवे (80 हजार डॉलर), कुछ तिलहन और औषधीय पौधे (2.6 लाख डॉलर) तथा जैविक रसायन शामिल थे. यह निर्णय 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद लिया गया, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी.

पाकिस्तान के ध्वज वाले जहाजों के बंदरगाह में प्रवेश पर रोक

भारत ने शनिवार को आधिकारिक रूप से घोषणा की कि पाकिस्तान के ध्वज वाले जहाजों को भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश करने से रोक दिया गया है. यह प्रतिबंध तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है. सरकारी निर्देश के अनुसार, न केवल पाकिस्तान के झंडे वाले जहाजों को भारतीय बंदरगाहों पर आने से रोका गया है, बल्कि भारतीय झंडे वाले जहाजों को भी पाकिस्तान के बंदरगाहों पर ठहरने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह स्पष्ट किया है कि यह आदेश ‘सार्वजनिक हित और भारतीय जहाजरानी के हित में’ भारतीय संपत्तियों, कार्गो और संबंधित बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लागू किया गया है. यह निर्देश तुरंत प्रभावी हो गया है और अगली सूचना तक जारी रहेगा.

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पाकिस्तान पर भारत का ताबड़तोड़ ऐक्शन

भारत ने आतंकी हमले के बाद कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनमें अटारी सीमा चौकी को तुरंत बंद करना शामिल है, जो विशेष प्रकार के सामानों की आवाजाही के लिए उपयोग होती थी. इसके अतिरिक्त, भारत ने पाकिस्तानी सैन्य अताशे को निष्कासित करने और 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने का निर्णय लिया है.

भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार पहले ही पूरी तरह से ठप हो चुका है. पुलवामा आतंकी हमले के बाद 2019 में दोनों देशों ने जो कदम उठाए, उनके परिणामस्वरूप द्विपक्षीय व्यापार लगभग नगण्य हो गया. पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी व्यापार को निलंबित करने की घोषणा की, जिसमें किसी तीसरे देश के माध्यम से होने वाला व्यापार भी शामिल है. वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का निर्यात 1.18 अरब डॉलर और आयात 28.8 लाख डॉलर रहा. इसके पूर्व, 2022-23 और 2021-22 में भारत ने क्रमशः 62.71 करोड़ डॉलर और 51.38 करोड़ डॉलर का निर्यात तथा 2.01 करोड़ डॉलर और 25.4 लाख डॉलर का आयात किया.