Operation Sindoor: पहलगाम हमले के बाद भारत (India) ने 6-7 मई की दरमियानी रात ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च कर पाकिस्तान (Pakistan) और पीओके में बैठे 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया था। वहीं पाकिस्तान के हमला के बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के कई शहरों में ड्रोन से हमला किया था। दोनों देशों के सीजफायर के बाद अब पाकिस्तान में हुई तबाही के निशान के इमेज और वीडियो सामने आ रहे हैं। साथ ही नये-नये खुलासे हो रहे हैं। भारत-पाकिस्तान युद्ध (India-Pakistan War) पर एक और खुलासा हुआ है कि किस तरह भारतीय सेना ने पाकिस्तान के चीनी एयर डिफेंस सिस्टम (Chinese air defense system) को 23 मिनट तक जाम रखा था। इसके बाद किस तरह आतंकियों पर कहर बनकर टूटा।
8 मई की सुबह, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के कई इलाकों में मौजूद एयर डिफेंस रडार और सिस्टम को निशाना बनाया था। इसमें लाहौर का एक एयर डिफेंस सिस्टम भी शामिल था, जिसे पूरी तरह निष्क्रिय कर दिया था।

भारतीय वायुसेना ने नूर खान और रहीम यार खान जैसे प्रमुख पाकिस्तानी एयरबेस को टारगेट किया और “लॉइटरिंग म्यूनिशन” यानी आत्मघाती ड्रोन का प्रभावी इस्तेमाल कर दुश्मन के रडार, मिसाइल सिस्टम और हाई-वैल्यू टारगेट्स को ध्वस्त कर दिया था। लॉइटरिंग म्यूनिशन ऐसी हथियार प्रणालियां हैं जो लक्ष्य क्षेत्र में चक्कर लगाकर उपयुक्त लक्ष्य की तलाश करती हैं और फिर हमला करती हैं।
सरकार ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने दुश्मन की उन्नत तकनीकों को निष्क्रिय करने का ठोस सबूत दिया। इसमें चीनी मूल की पीएल-15 मिसाइलें, तुर्की मूल के यूएवी ‘यिहा’ या ‘यीहॉ’, लंबी दूरी की रॉकेट, क्वाडकॉप्टर और वाणिज्यिक ड्रोन शामिल थे। यह भारत की तकनीकी श्रेष्ठता का प्रमाण है कि पाकिस्तान द्वारा अत्याधुनिक हथियारों के उपयोग के बावजूद भारत के स्वदेशी एयर डिफेंस और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम ने उन्हें निष्क्रिय कर दिया।

स्वदेशी तकनीक अव्वल
सरकार के अनुसार, सभी हमले बिना किसी भारतीय क्षति के सफलतापूर्वक पूरे हुए, जो हमारी सैन्य रणनीति, निगरानी और हथियार प्रणाली की दक्षता को दर्शाता है। लॉन्ग रेंज ड्रोन से लेकर गाइडेड म्यूनिशन तक, स्वदेशी तकनीकों का उपयोग करते हुए भारत ने सैन्य आत्मनिर्भरता की एक नई मिसाल पेश की। भारतीय सेना और वायुसेना ने काउंटर-यूएएस (ड्रोन-रोधी), इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरणों और हवाई रक्षा हथियारों का अनूठा मिश्रण अपनाया।
एयर डिफेंस सिस्टम ही कर दिया निष्क्रिय
7-8 मई की रात पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों के माध्यम से भारत के उत्तर और पश्चिमी क्षेत्र के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की। पाकिस्तान की तरफ से जवाब में ड्रोन और मिसाइलों से भारत के कई सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की गई – जिनमें श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, लुधियाना, भुज, आदमपुर जैसे स्थान शामिल हैं। हालांकि भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम और इंटीग्रेटेड काउंटर यूएएस ग्रिड ने सभी को सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया था। 8 मई की सुबह, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के कई इलाकों में मौजूद एयर डिफेंस रडार और सिस्टम को निशाना बनाया, जिनमें लाहौर का एक एयर डिफेंस सिस्टम भी शामिल था जिसे पूरी तरह निष्क्रिय कर दिया गया।

मल्टीलेयर सिक्योरिटी सिस्टम
सरकार ने कहा, “भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान की चीनी हवाई रक्षा प्रणालियों को निष्क्रिय कर 23 मिनट में मिशन पूरा किया, जो भारत की तकनीकी श्रेष्ठता को दर्शाता है। भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा से लेकर देश के भीतरी इलाकों तक, विभिन्न रक्षा परतों का निर्माण किया गया था, जिनमें शामिल थीं:-
1- काउंटर-अनमैन्ड एरियल सिस्टम्स (UAS)
2- कंधे पर रखकर चलने वाले हथियार (शोल्डर फायरड वेपन्स)
3- पुरानी लेकिन प्रभावी एयर डिफेंस प्रणालियां
4- आधुनिक वायु रक्षा हथियार प्रणालियां
सरकार के अनुसार, 9-10 मई की रात जब पाकिस्तान वायुसेना ने भारतीय एयरफील्ड्स और लॉजिस्टिक ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की, तब इसी बहुस्तरीय रक्षा प्रणाली ने उनकी कोशिश को पूरी तरह नाकाम कर दिया। ये प्रणालियां पिछले एक दशक में निरंतर सरकारी निवेश से विकसित की गई हैं और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ‘फोर्स मल्टिप्लायर’ (बलवर्धक) साबित हुईं।
स्वदेशी तकनीक मील का पत्थर
ऑपरेशन सिंदूर केवल सामरिक सफलता ही नहीं था, यह स्वदेशी तकनीक की निर्बाध एकीकरण की मिसाल था। ड्रोन युद्ध से लेकर इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर तक। यह भारत की सैन्य आत्मनिर्भरता की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित हुआ।
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