नई दिल्ली। यूक्रेन पर रूस की ओर से किए गए सैन्य हमले के बाद बदली परिस्थितियों के बीच भारत ने 10 से 14 मार्च तक गुजरात के गांधीनगर में आयोजित होने वाले डिफेंस एक्सपो को स्थगित करने का फैसला किया है। यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद रूस और अमेरिका और नाटो के सदस्य देशों के बीच बढ़ते तनाव और अन्य लॉजिस्टिक्स (रसद) समस्याओं के कारण यह फैसला किया गया है।

सूत्रों ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध और वाशिंगटन और मॉस्को के बीच बढ़ते तनाव ने डिफेंस एक्सपो-2022 की भावना या स्पिरिट को कम कर दिया है। हालांकि, रक्षा मंत्रालय ने इसे लेकर रसद मुद्दों का हवाला दिया है।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “प्रतिभागियों द्वारा अनुभव की जा रही लॉजिस्टिक्स (रसद) समस्याओं के कारण गुजरात के गांधीनगर में 10 मार्च से 14 मार्च, 2022 तक आयोजित किया जाने वाला डिफेंस एक्सपो 2022 स्थगित कर दिया गया है। नई तारीखों के बारे में नियत समय पर सूचित किया जाएगा।”

हालांकि, सूत्रों का कहना है कि यूरोप में चल रहे युद्ध के कारण दुनिया भर से कई प्रतिभागी इसमें भाग नहीं ले पाते, जिसे देखते हुए यह फैसला लेना महत्वपूर्ण हो गया था।

इसके अलावा, यह भी कहा गया है कि भारत वर्तमान में अपने पड़ोसी देशों के माध्यम से यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को निकालने में लगा हुआ है।

मेगा डिफेंस इवेंट में लगभग 90 देशों के भाग लेने की उम्मीद थी। यूक्रेन की सीमा से लगे रोमानिया ने भी द्विवार्षिक रक्षा प्रदर्शनी के 12वें संस्करण (एडिशन) में भाग लेने का फैसला किया था। इसमें भाग लेने वाले अन्य प्रमुख देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, स्पेन, यूनाइटेड किंगडम और चेक गणराज्य जैसे नाम शामिल हैं।

मेगा इवेंट का उद्देश्य रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने और 2024 तक 5 अरब डॉलर के रक्षा निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के दृष्टिकोण पर काम करना था। इसके अलावा, भारतीय रक्षा उद्योग को अपनी क्षमताओं और उत्पादों को दुनिया के सामने प्रदर्शित करना था।

इस साल के डेफेंस एक्सपो की थीम ‘इंडिया- द इमजिर्ंग डिफेंस मैन्युफैक्च रिंग हब’ रखी गई थी। आज तक, 930 प्रदर्शकों ने मेगा इवेंट के लिए पंजीकरण कराया था और आने वाले दिनों में यह संख्या 1,000 से अधिक होने की उम्मीद थी। विभिन्न देशों के कई रक्षा मंत्रियों की ओर से भी आयोजन में भाग लेने को लेकर पुष्टि की गई थी।

डिफेंस एक्सपो-2022 को एक हाइब्रिड प्रदर्शनी के रूप में आयोजित किया जाना था, जिसमें भौतिक (फिजिकल) और आभासी (वर्चुअल) दोनों क्षेत्रों में स्टॉल लगाए जाने निर्धारित थे।