दुनिया भर में सबसे बड़े सड़क नेटवर्क के मामले में भारत अब संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है. भारत ने 2014 के बाद से 1.45 लाख किलोमीटर सड़क नेटवर्क जोड़कर चीन को पछाड़कर दूसरा स्थान हासिल कर लिया है.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने अपने अब तक के कार्यकाल के दौरान अपने मंत्रालय की उपलब्धियों को साझा किया. उन्होने कहा कि पिछले 9 सालों में भारत ने कई greenfield expressways जोड़े हैं और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने देश के अब तक के सबसे लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का निर्माण लगभग पूरा कर लिया है.

गडकरी ने कहा कि नौ साल पहले भारत का सड़क नेटवर्क 91,287 किलोमीटर था. गडकरी के कार्यकाल में, NHAI पिछले कुछ वर्षों में नए राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य कर रहा है. अप्रैल 2019 से, NHAI ने देश भर में 30,000 किलोमीटर से अधिक राजमार्गों का निर्माण किया है, जिसमें कई प्रमुख एक्सप्रेस वे शामिल हैं.

एनएचएआई बना रहा रिकॉर्ड

गडकरी ने एनएचएआई के योगदान का भी उल्लेख किया, जिसने इस अवधि के दौरान सात विश्व रिकॉर्ड कायम किए. एनएचएआई ने इस साल मई में 100 घंटे में 100 किलोमीटर लंबा नया एक्सप्रेस-वे तैयार किया. यह ऐतिहासिक उपलब्धि उत्तर प्रदेश में बन रहे गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेस-वे के निर्माण के दौरान हासिल की गई. पिछले साल अगस्त में एनएचएआई ने 105 घंटे और 33 मिनट के रिकॉर्ड समय में महाराष्ट्र में अमरावती और अकोला के बीच 75 किलोमीटर लंबी बिटुमिनस कंक्रीट की सड़क बनाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था.

टोल से मिलने वाला राजस्व बढ़ा

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह भी बताया कि उनके कार्यकाल में रोड और हाइवे से आने वाला राजस्व भी बढ़ा है. उन्होंने बताया कि टोल कलेक्शन 9 साल पहले के 4,770 करोड़ रुपये से बढ़कर 41,342 करोड़ रुपये हो गया है.

टोल संग्रह के लिए फास्टैग प्रणाली के इस्तेमाल से टोल प्लाजा पर वाहनों के इंतजार करने का समय घटकर 47 सेकंड रह गया है. सरकार इस समय को 30 सेकंड के भीतर लाने के लिए कुछ और कदम उठा रही है.