रायपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति एवं वर्तमान में उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के अध्यक्ष गौतम चौरड़िया को न्यायपालिका में उनकी अनुकरणीय उपलब्धियों के लिए “अशोका अवार्ड 2025” से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें चार्ल्स वाल्टर्स कौंसिल फॉर इनोवेशन एंड रिसर्च द्वारा प्रदान किया गया है, जो कि एसोसिएशन ऑफ इंडियन ब्यूरोक्रेट्स के सहयोग से आयोजित इंडिया इंटेलेक्चुअल कॉन्क्लेव 2025 के अवसर पर प्रदान किया गया।
बता दें कि यह भव्य कार्यक्रम 20 अप्रैल 2025 को इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित हुआ, जिसमें न्यायमूर्ति चौरड़िया को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। इस दौरान उन्होंने “विकसित भारत 2047” विषय पर अपना सारगर्भित उद्बोधन भी प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम में देश-विदेश से कई गणमान्य अतिथि और विशिष्ट हस्तियां मौजूद थीं, जिनमें शामिल थे:
- न्यायमूर्ति एम. एल. मेहता (पूर्व न्यायाधीश, दिल्ली उच्च न्यायालय)
- न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह (सेवानिवृत्त न्यायाधीश, उत्तराखंड उच्च न्यायालय)
- लीजा एनकोसिनाथी मंगकू (पूर्व परिवहन उप मंत्री, दक्षिण अफ्रीका)
- डॉ. अभिषेक वर्मा (उद्योगपति एवं राजनीतिक समन्वयक)
- लालाटियाना एकौचे (सेशेल्स के उच्चायुक्त)
- मोहम्मद मलीकी (राजदूत, मोरक्को)
- सामिया इसरत रोनी (राजनीतिक मंत्री, बांग्लादेश उच्चायोग)
- डॉ. आलोक गुप्ता (उप निदेशक, एनआईओएस)
- डॉ. विक गैफनी (लॉ स्कॉलर, ऑस्ट्रेलिया)
- डॉ. पीके राजपूत (पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष, कैडिला फार्मा)
- एडवोकेट आस्था मिश्रा (वकील, भारत का सर्वोच्च न्यायालय)
गौरतलब है कि इस सम्मान के जरिए न्यायमूर्ति चौरड़िया को न्याय व्यवस्था में पारदर्शिता, जनहित और उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए सराहा गया है। यह छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का विषय है और राज्य की न्यायिक सेवा की प्रतिष्ठा को राष्ट्रीय मंच पर उजागर करता है।
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