नई दिल्ली। पत्रकारिता के लिहाज से भारत को एक बार फिर असुरक्षित देश करार दिया गया है. पत्रकारों के लिए भारत विश्व का पांचवा असुरक्षित देश है. रिपोर्ट्स विदआउट बॉर्डर्स की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. इस रिपोर्ट में पहली बार अमेरिका के नाम को भी शामिल किया गया है. भारत और अमेरिका के अलावा इस सूची में यमन, मैक्सिको, सीरिया और अफगानिस्तान शामिल है. रिपोर्ट के मुताबिक इन देशों में पत्रकार तब मारे गए जब यहां पर किसी तरह का न कोई युद्ध था या न ही कोई विवाद रहा था. इस सूची में अमेरिका और भारत को एक ही पायदान पर रखा गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक इस साल पूरी दुनिया में 80 पत्रकारों की हत्या की गई. इन 80 पत्रकारों में से 63 पेशेवर पत्रकार थे. इसके साथ ही इस साल 348 पत्रकारों को पुलिस ने हिरासत में लिया. 60 पत्रकारों का अपहरण हुआ और 3 पत्रकार लापता हैं.
इस रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 में पत्रकारों की हत्या के मामले में अफगानिस्तान पहले नंबर पर है. यहां 15 पत्रकारों की हत्या हुई. दूसरे नंबर पर सीरिया है जहां 11 पत्रकारों को मौत के घाट उतारा गया, तीसरे नंबर पर मैक्सिको है यहां 9 और यमन में 8 पत्रकारों की हत्या की गई. वहीं भारत और अमेरिका जो कि सूची में एक साथ पांचवे नंबर पर हैं यहां इस साल 6-6 पत्रकारों को मौत के घाट उतार दिया गया. इस लिस्ट में इराक का नाम इस साल नहीं है. 2003 के बाद यह पहला मौका है जब इराक में किसी पत्रकार की हत्या नहीं हुई है.
भारत में 6 पत्रकारों की हत्या के अलावा उन पर जानलेवा हमला भी किया गया है. इसके साथ ही यहां कई पत्रकारों के साथ मारपीट हुई या फिर उन्हें धमकाया गया है. वहीं कई पत्रकारों को देश में हेट कैंपेन का भी सामना करना पड़ा. जिसमें उन्हें सोशल मीडिया में जान से मारने की धमकी मिलना बेहद आम बात रही है. रिपोर्ट के मुताबिक इन पत्रकारों की हत्या बेहद बर्बर तरीके से की गई.