Year Ender 2024: साल 2024 में भारत का खेलों में शानदार प्रदर्शन रहा, इस साल कई बड़े इवेंट हुए, जिसमें टी20 क्रिकेट विश्व कप, ओलंपिक, पैरालंपिक, चेस ओलंपियाड और वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप जैसे ग्लोबल इवेंट्स शामिल थे। इन खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने झंडे गाड़कर भारतीय खेल प्रशंसकों को जश्न मनाने के कई मौके दिए। अब साल बीतने में बस 3 दिन ही बाकी रह गए हैं, ऐसे में आइए उन 5 बड़ी खेल उपलब्धियों पर एक नजर डालते हैं, जो इस साल भारत ने हासिल की।
T20 वर्ल्ड कप 2024 – भारत बना विश्व विजेता
5 जून 2024 को भारतीय टीम ने आयरलैंड को हराकर अपने अभियान का आगाज किया। इसके बाद चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को रोमांचक मुकाबले में 6 रन से हराया। कनाडा और यूएसए को हराकर भारत सुपर 8 में पहुंच गया, जहां अफगानिस्तान के खिलाफ पहली जीत मिली। बांग्लादेश और ऑस्ट्रेलिया को हराकर भारत ने सेमीफाइनल का टिकट कटा लिया और अंतिम 4 में डिफेंडिंग चैंपियन इंग्लैंड को मात दी। खिताबी मुकाबले में साउथ अफ्रीका को 7 रन से हराकर भारतीय टीम ने दूसरा टी20 वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया। इसी के साथ भारतीय टीम ने 11 साल से चले आ रहे ICC ट्रॉफी के सूखे को भी खत्म कर दिया, क्योंकि आखिरी बार साल 2013 में भारत ने महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम की थी।
पेरिस ओलंपिक 2024
पेरिस ओलंपिक में भारत का अभियान एक रजत और पांच कांस्य सहित कुल छह पदकों के साथ समाप्त हो गया। लेकिन दोहरी पदक संख्या का आंकड़ा काफी दूर रह गया। भारत टोक्यो ओलंपिक के पिछले सात पदकों (1 स्वर्ण, 2 रजत और 4 कांस्य) के आंकड़े को भी पार नहीं कर पाया। इन खेलों में भारत की पदक उम्मीदों पर महिला पहलवान विनेश फोगाट का 100 ग्राम वजन अधिक होने का मामला काफी भारी पड़ा।
स्टार निशानेबाज मनु भाकर ने रचा इतिहास
पेरिस ओलंपिक में भारत टोक्यो ओलंपिक के रिकॉर्ड को भले ही नहीं तोड़ सका, लेकिन भारत की युवा स्टार निशानेबाज मनु भाकर ने इतिहास रचकर कमाल कर दिया। टोक्यो ओलंपिक में बेहद निराशाजनक तरीके से अपने अभियान का समापन करने के बाद मनु भाकर ने अकल्पनीय वापसी की। पेरिस ओलंपिक 2024 में मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल कैटेगरी में व्यक्तिगत रूप से कांस्य पदक जीतकर भारत को पहला मेडल दिलाया, इसके बाद उन्होंने सरबजोत सिंह के साथ मिश्रित टीम इवेंट में दूसरा कांस्य पदक हासिल करके सनसनी मचा दी। वह एक ही ओलंपिक में दो मेडल हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बनीं।
नीरज चोपड़ा ने जीता सिल्वर मेडल
टोक्यो ओलंपिक के गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक में भी सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रचा। ट्रैक एंड फील्ड में भारत के पहले स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा पेरिस में भी भाला फेंक प्रतियोगिता में सिल्वर हासिल करने में कामयाब रहे। हालांकि, वह पाकिस्तान के अरशद नदीम से पीछे रह गए, जिन्होंने ओलंपिक रिकॉर्ड बनाते हुए एक असाधारण थ्रो (92.97 मीटर) के साथ स्वर्ण पदक जीता, लेकिन नीरज का सिल्वर पेरिस में भारत का सबसे बड़ा मेडल साबित हुआ, जो इस स्टार एथलीट के कद और प्रदर्शन को बयां करने के लिए काफी है।
मेंस हॉकी, शूटिंग और फ्रीस्टाइल रेसलिंग में भी जीता कांस्य
स्वप्निल कुसाले ने शूटिंग की मेंस 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में भारत को तीसरा कांस्य पदक दिलाया। इसके बाद मेंस हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। रेसलर अमन सहरावत ने मेंस 57 किलो फ्रीस्टाइल में कांस्य पदक जीता।
पैरालंपिक खेलों में भी बेहद खास रहा भारत का प्रदर्शन
पेरिस ओलंपिक के बाद पैरालंपिक खेलों में भी भारत का प्रदर्शन बेहद खास रहा। इस बार भारत ने टोक्यो पैरालंपिक के प्रदर्शन को पीछे छोड़ते हुए इतिहास रच दिया। भारत ने पेरिस पैरालंपिक में कुल मिलाकर 29 पदक जीते, जिसमें सात गोल्ड मेडल थे। इसके अलावा 9 सिल्वर मेडल और 13 कांस्य पदक भी जीते। इससे पहले भारतीय पैरालंपिक खिलाड़ियों ने टोक्यो 2020 खेलों में अपना बेस्ट प्रदर्शन किया था, जिसमें उन्होंने 19 मेडल हासिल किए थे जिसमें 5 गोल्ड मेडल थे।
चेस ओलंपियाड भारत ने लहराया तिरंगा
इस साल हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में 45वें चेस ओलंपियाड का आयोजन हुआ, जिसमें 195 देशों की 197 टीमें पुरुष वर्ग में और महिला वर्ग में 181 देशों की 183 टीमों ने हिस्सा लिया। इस दौरान भारत ने पुरुष और महिला दोनों कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। दरअसल यह पहला मौका था जब भारत ने एक ही ओलंपियाड में दोनों कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीते।
चेस में डी गुकेश ने हासिल की बादशाहत
क्रिकेट, ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों से हटकर इस साल शतरंज की दुनिया में गुकेश डी छाए रहे, जिन्होंने मात्र 18 साल की उम्र में वर्ल्ड चेस चैंपियन बनकर इतिहास रच दिया। गुकेश भारत के लिए यह उपलब्धि हासिल करने वाले सिर्फ दूसरे खिलाड़ी हैं। उन्होंने यह असाधारण उपलब्धि चीन के डिंग लिरेन को 12 दिसंबर, 2024 को हराकर हासिल की। इस जीत के साथ ही भारत को 11 साल बाद यह खिताब एक बार फिर वापस हासिल हुआ। इससे पहले केवल विश्वनाथन आनंद ने ही यह उपलब्धि हासिल की थी।
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