नई दिल्ली। कोरोना काल में भी भारत न केवल तेजी से प्रगति कर रहा है, बल्कि दुनिया को राह दिखा रहा है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत का विकास दर 9 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है, जो दुनिया में सर्वाधिक है. यही नहीं आगामी वर्ष 2023 में भी भारत का विकास 7.1 रहने का अनुमान जताया है.
आईएमएफ ने विश्व आर्थिक परिदृश्य जारी किया है. इसमें अमेरिका, यूरोप, जापान, युनाइटेड किंगडम, कनाडा जैसे विकसित अर्थव्यवस्था और चीन, भारत, अशियान, रूस, मेक्सिको, सऊदी अरब जैसे विकासशील अर्थव्यवस्था को शामिल किया गया है. चालू वर्ष में विकसित देशों की अर्थव्यवस्था जहां 3.9 प्रतिशत की दर से, वहीं विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था 4.8 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ेगी.
चालू वर्ष में जहां अमेरिकी का विकास दर 4 प्रतिशत होने का अनुमान है, तो वहीं चीन की 4.8 और भारत की 9 प्रतिशत रहने का अनुमान है. वर्ष 2023 में अमेरिका का विकास 2.6 प्रतिशत होने का अनुमान जताया है, तो वहीं चीन में 0.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. वहीं भारत का विकास दर 7.1 प्रतिशत रहने की संभावना जताई गई है.
आईएमएफ का ताजा अनुमान चालू वित्त वर्ष के लिए केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के 9.2 प्रतिशत और भारतीय रिजर्व बैंक के 9.5 प्रतिशत के अनुमान से कम है. आईएमएफ का अनुमान एसएंडपी के 9.5 प्रतिशत और मूडीज के 9.3 प्रतिशत के अनुमान से भी कम है. हालांकि, यह विश्व बैंक के 8.3 प्रतिशत और फिच के 8.4 प्रतिशत की वृद्धि दर के अनुमान से अधिक है.
आईएमएफ ने कहा कि 2023 के लिए भारतीय संभावनाएं क्रेडिट ग्रोथ और उसके साथ निवेश और उपभोग की वृद्धि पर निर्भर हैं. मुद्रा कोष ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2021 के 5.9 प्रतिशत से घटकर 2022 में 4.4 प्रतिशत रहेगी.