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नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए कैंपस खोलने से लेकर चलाने तक के नियम जारी कर दिए हैं. यूजीसी के इस कदम से भारत में शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार आने की उम्मीद जताई जा रही है.
यूजीसी चेयरमैन मामीडाला जगदीश कुमार ने कहा कि इन नियमों का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों के अनुरूप भारत में विदेशी हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स के एडमिशन प्रोसेस को आसान बनाना और भारत में हायर एजुकेशन को एक अंतरराष्ट्रीय आयाम प्रदान करना है. इन नियमों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कैंपस में दी जाने वाली शिक्षा मूल देश के मुख्य परिसर के बराबर है और इसका संचालन लागू कानूनों और विनियमों का अनुपालन करता है.
नियमों के अनुसार, भारत में कैंपस स्थापित करने के इच्छुक विदेशी संस्थानों को समय-समय पर आयोग द्वारा तय की गई वर्ल्ड रैंकिंग की समग्र श्रेणी में टॉप 500 के अंदर स्थान हासिल प्राप्त होना चाहिए. वर्ल्ड रैंकिंग की सब्जेक्ट वाइज कैटेगरी में 500 और किसी विशेष क्षेत्र में उत्कृष्ट विशेषज्ञता होनी चाहिए, जैसा कि समय-समय पर आयोग द्वारा तय किया जाता है.
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यूजीसी ने कहा कि अगर कोई फॉरेन हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट विदेशी योगदान प्राप्त करना या उसका उपयोग करना चाहता है, तो उसे विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 के तहत रजिस्टर्ड या पहले परमिशन लेनी होगी और एफसीआरए के तहत कानूनी आवश्यकता का अनुपालन करना होगा.
नियमों में कहा गया है कि भारत में कैंपस स्थापित करने वाले विदेशी विश्वविद्यालयों को नए कोर्स शुरू करने से पहले यूजीसी से परमिशन लेनी होगी. वे भारतीय कैंपस में, विदेशी विश्वविद्यालयों को स्नातक, स्नातकोत्तर, डॉक्टरेट और पोस्ट-डॉक्टरेट स्तरों पर प्रमाणपत्र, डिप्लोमा, डिग्री, अनुसंधान और अन्य कार्यक्रमों के अवॉर्ड के लिए स्टडी प्रोग्राम शुरू कर सकते हैं.
विदेशी विश्वविद्यालय अपने भारतीय परिसरों में भारतीय छात्रों को पूर्ण या आंशिक योग्यता-आधारित या आवश्यकता-आधारित स्कॉलरशिप और फीस में छूट दे सकते हैं. इसके साथ ही विदेशी उच्च शिक्षण संस्थान भारत में अपने परिसरों में छात्रों को एडमिशन दे सकते हैं, और फीस जमा कर सकते हैं, केवल यूजीसी द्वारा एक अधिसूचना जारी होने के बाद ही उन्हें इन नियमों के तहत भारत में अपने परिसर संचालन शुरू करने की अनुमति दी जाएगी.