भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाई है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत हरिश पर्वतनेनी ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान की अंदरूनी राजनीति में जो उथल-पुथल चल रही है, उसका सीधा रिश्ता उसके सीमा-पार आतंकवाद से है। राजदूत ने कहा कि पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जेल में डाल दिया गया, उनकी पार्टी पर रोक लगा दी गई, और 27वें संशोधन के जरिए सेना ने संविधान को अपने हिसाब से मोड़ दिया। भारत ने इसे ‘संवैधानिक तख्तापलट’ बताया। राजदूत ने कहा कि पाकिस्तान जिस तरह लोकतंत्र और कानून के साथ व्यवहार कर रहा है, वह उसकी गंभीर हालत को दिखाता है और उसी सोच के तहत वह लंबे समय से आतंकवाद को भी बढ़ावा देता रहा है। राजदूत ने पाकिस्तान को आतंकवाद का सेंटर बताया।
इमरान को लेकर UN रिपोर्ट का हवाला दिया
UNSC में ‘लीडरशिप फॉर पीस’ विषय पर हुई डिबेट में राजदूत पर्वतनेनी ने कहा कि इमरान खान अगस्त 2023 से भ्रष्टाचार मामले में जेल में बंद हैं। विरोध प्रदर्शनों से जुड़े मामलों में उन पर आतंकवाद निरोधक कानून के तहत मुकदमे चलाए जा रहे हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की यातना पर विशेष रिपोर्टर एलिस जिल एडवर्ड्स की उस चिंता का भी जिक्र किया, जिसमें अदियाला जेल में इमरान खान के साथ अमानवीय व्यवहार का आरोप लगाया गया है।
भारतीय राजदूत बोले- कश्मीर का जिक्र PAK के खतरनाक सोच को दिखाता
भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए जम्मू-कश्मीर पर उसके दावों को पूरी तरह खारिज कर दिया। राजदूत हरीश पर्वतनेनी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न और अविभाज्य हिस्से हैं, थे, हैं और हमेशा रहेंगे। पर्वतनेनी ने आगे कहा कि पाकिस्तान का जम्मू-कश्मीर का अनावश्यक जिक्र करना उसके भारत को नुकसान पहुंचाने के खतरनाक सोच को दिखाता है। राजदूत ने पाकिस्तान को “आतंकवाद का सेंटर” करार देते हुए कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र जैसे मंच का इस्तेमाल भारत और उसके लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए कर रहा है। उन्होंने पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा कि एक अस्थायी सुरक्षा परिषद सदस्य होने के बावजूद वह लोगों को बांटने वाल एजेंडा चला रहा है, जिससे वह अपनी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों को पूरा नहीं कर सकता।
आतंकवादी हमलों के चलते सिंधु जल संधि निलंबित हुआ
वहीं, भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने के अपने फैसले का मजबूती से बचाव किया। पर्वतनेनी ने कहा कि 65 साल पहले भारत ने सद्भावना से इस संधि पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन पाकिस्तान ने इसका उल्लंघन करते हुए तीन युद्ध छेड़े और हजारों आतंकी हमले करवाए। पर्वतनेनी ने कहा, ‘पिछले चार दशकों में आतंकवाद से हजारों भारतीयों की जान गई है। अप्रैल 2025 में पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें आतंकवादियों ने धर्म के आधार पर 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या की।’ इसी कारण भारत ने सिंधु जल संधि को तब तक निलंबित रखने का फैसला किया है, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद और हर तरह के आतंकवाद को खत्म नहीं कर देता। राजदूत ने साफ कहा कि भारत आतंकवाद का पूरी ताकत से मुकाबला करेगा।
पहलगाम हमले का किया जिक्र
अप्रैल 2025 के पहलगाम आतंकवादी हमले का हवाला देते हुए, जिसमें धर्म आधारित लक्षित हमले में 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे, उन्होंने कहा कि यह घटना स्पष्ट रूप से आतंकवाद के लिए पाकिस्तान के निरंतर समर्थन को रेखांकित करती है। इस संदर्भ में, उन्होंने कहा कि भारत ने सिंधु जल संधि को तब तक स्थगित रखने का फैसला किया है जब तक कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद और आतंकवाद के सभी अन्य रूपों के लिए अपने समर्थन को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से समाप्त नहीं कर देता।
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