India Retail Inflation Rate: भारत में खुदरा महंगाई दर (India Retail Inflation Rate) घटकर 5.6 प्रतिशत पर आ सकती है. इससे पहले अक्टूबर में खाद्य पदार्थों की बढ़ती (Retail Inflation Rate) कीमतों के कारण खुदरा महंगाई दर 6.21 प्रतिशत पर पहुंच गई थी. यह 14 महीनों में महंगाई का सबसे ऊंचा स्तर था. नवंबर के खुदरा महंगाई (Retail Inflation) के आंकड़े आज शाम साढ़े 5 बजे जारी होंगे.

महंगाई की टोकरी में खाद्य पदार्थों का योगदान करीब 50  प्रतिशत है. अक्टूबर में महीने-दर-महीने आधार पर इसकी महंगाई दर 9.24  प्रतिशत से बढ़कर 10.87  प्रतिशत हो गई. वहीं, ग्रामीण महंगाई दर 5.87  प्रतिशत से बढ़कर 6.68  प्रतिशत और शहरी महंगाई दर 5.05  प्रतिशत से बढ़कर 5.62  प्रतिशत हो गई.

महंगाई कैसे प्रभावित करती है ?

Inflation महंगाई का सीधा संबंध क्रय शक्ति से है. उदाहरण के लिए, अगर महंगाई दर 6% है, तो कमाए गए 100 रुपये की कीमत सिर्फ 94 रुपये होगी. इसलिए महंगाई को ध्यान में रखकर ही निवेश करना चाहिए. नहीं तो आपके पैसे की कीमत घट जाएगी.

महंगाई कैसे बढ़ती और घटती है?

Inflation (महंगाई ) का कम और ज्यादा प्रोडक्ट ( India Retail Inflation Rate) की मांग और आपूर्ति पर निर्भर करता है. अगर लोगों के पास ज़्यादा पैसे होंगे तो वे (Inflation Details)ज़्यादा चीज़ें खरीदेंगे. ज़्यादा चीज़ें खरीदने से चीज़ों की मांग बढ़ेगी. अगर आपूर्ति मांग के मुताबिक नहीं होगी तो उन चीज़ों (Inflation News) की कीमत बढ़ जाएगी.

इस तरह से मार्केट महंगाई (Inflation Details) का शिकार होता है. आसान शब्दों में कहें तो मार्केट में पैसे का ज़्यादा आना या चीज़ों की कमी महंगाई (Inflation)का कारण बनती है. वहीं अगर मांग कम (Inflation News) और आपूर्ति ज़्यादा है तो महंगाई कम होगी.