Donald Trump Advisor Peter Navarro: 50% टैरिफ को लेकर भारत-अमेरिका के रिश्ते (India-US relations) इस वक्त बेहद नाजुक स्थिति में है। बावजूद इसके खुद डोनाल्ड ट्रंप और उनके साथी भारत विरोधी बयानबाजी से बाज नहीं आ रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप के एडवाइजर पीटर नवारो तो भारत के खिलाफ लगातार अनर्गल बायन दे रहे हैं। पीटर नवारो की इस बदजुबानी पर अब अमेरिका के एक्सपर्ट ने जमकर क्लास लगाते हुए खूब खरी-खोटी सुनाई है।
व्हाइट हाउस के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो भारत विरोधी बयान देने के कारण अपनों के ही निशाने पर आ गए हैं। एशिया विशेषज्ञ और दो अमेरिकी विदेश मंत्रियों के पूर्व सलाहकार इवान ए फेगेनबाम (Edward Feigenbaum) ने भारत के खिलाफ पीटर नवारो की तीखी बयानबाजी की सख्त आलोचना की है। उन्होंने पीटर नवारो को ‘एक बेलगाम तोप’ बताते हुए कहा कि उनके बयानों से अमेरिका-भारत संबंधों में दशकों से चली आ रही प्रगति पर पानी फिरने का खतरा मंडरा रहा है।
बता दें कि अमेरिका से टैरिफ को लेकर तल्ख रिश्तों के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो लगातार भारत विरोधी बयानबाजी कर रहे हैं। नवारो ने भारतीय सामानों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का बचाव किया और भारत पर निशाना साधते हुए कहा था कि रूस से तेल खरीदकर वह यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को भड़का रहा है। नवारो के इस बयान के बाद कहा कि यूक्रेन में रूस के युद्ध के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ज़िम्मेदार हैं।
खतरे में अमेरिका-भारत संबंध
नवारो की बदबुजानी पर फ़ीगेनबाम ने एक पोस्ट में कहा, ‘इन लोगों ने अमेरिका-भारत संबंधों को फलदायी बनाने के लिए 25 साल की कड़ी और द्विपक्षीय मेहनत को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने आगे कहा, ‘यूक्रेन में शांति का रास्ता निश्चित रूप से नई दिल्ली से होकर नहीं जाता, और ऐसा कहना बिल्कुल बेतुका है।
‘इतिहास से परे नवारो का बयान’
फ़ीगेनबाम ने नवारो के दावों के लहजे और अर्थ, दोनों को खारिज करते हुए उन्हें इतिहास से अलग बताया। उन्होंने भारत को हथियारों का ‘रणनीतिक मुफ़्तखोर’ कहने की आलोचना की और इसे गैरजरूरी और भ्रामक बताया। फ़ीगेनबाम ने कहा, ‘आजकल भारत के बारे में नीति बनाने वालों के लिए इतिहास, संदर्भ और राजनीति ज़्यादा मायने नहीं रखती। यह सब या तो असंगठित और अनधिकृत है, जो काफ़ी चिंताजनक है, या फिर अधिकृत है, जो इसे नीति बना देगा।
उन्होंने आगे चेतावनी दी कि यह रिश्ते ‘ज्यादा से ज्यादा स्थगित हो सकते हैं, लेकिन अगर कोई इसे जल्द से खत्म नहीं करता है तो यह संभावित रूप से बिखर सकते हैं, और कहा कि साझेदारी को ‘ज्यादा उत्पादक रास्ते पर वापस लाने के लिए प्रशासन में बदलाव करना पड़ सकता है। भारत ने अमेरिकी टैरिफ को गलत बताया है और कहा है कि उसके तेल खरीद से जुड़े फैसले आर्थिक जरूरतों की बुनियाद पर खड़े हुए हैं।
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