Gautam Gambhir Reaction on Lose Test Series vs SA: दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत को मिली 2-0 की हार ने टीम इंडिया के टेस्ट सेटअप और मुख्य कोच गौतम गंभीर की कोचिंग रणनीति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। गुवाहाटी में मिली 408 रनों की करारी शिकस्त के बाद पहली बार गंभीर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने भविष्य को लेकर खुलकर बात की। उन्होंने साफ कहा कि उनका पद बरकरार रहे या नहीं, इसका निर्णय केवल भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ही करेगा, क्योंकि उनके लिए “भारतीय क्रिकेट व्यक्ति से अधिक महत्वपूर्ण” है।
‘भारतीय क्रिकेट अहम है, मैं नहीं’ — गंभीर
तेज सवालों के बीच गंभीर ने कहा, “फैसला BCCI का है। मैं पहले भी कह चुका हूं कि भारतीय क्रिकेट महत्वपूर्ण है, मैं नहीं। मैं वही व्यक्ति हूं जिसने इंग्लैंड में नतीजे दिए, चैंपियंस ट्रॉफी जिताई, एशिया कप जिताया। ये टीम सीख रही है और बेहतर होगी।”
दक्षिण अफ्रीका दौरे में भारत के बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों विभाग बुरी तरह लड़खड़ाए। कई दिग्गजों की गैरमौजूदगी और नए चेहरों के खराब प्रदर्शन ने स्थिति और कठिन बना दी।
टीम ‘असली ट्रांजिशन’ से गुजर रही — गंभीर
कोच गंभीर ने टीम की प्रक्रिया पर बात करते हुए कहा, “मैं ट्रांजिशन शब्द से नफरत करता हूं, लेकिन यही सच्चा ट्रांजिशन है। युवा खिलाड़ी मैदान पर ही सीख रहे हैं और उन्हें समय देना होगा। अगर कोई गलती है, तो उसमें मेरी भी बराबर की जिम्मेदारी है।”
उन्होंने माना कि टेस्ट क्रिकेट में सफलता के लिए कौशल के साथ-साथ मानसिक दृढ़ता अधिक मायने रखती है। गंभीर ने कहा “हमें सबसे प्रतिभाशाली नहीं, सबसे मजबूत मिजाज वाले खिलाड़ी चाहिए। ऐसे खिलाड़ी जिनके पास सीमित कौशल हो, लेकिन जिद बड़ी हो वे ही बड़े टेस्ट खिलाड़ी बनते हैं।”
‘किसी एक व्यक्ति को दोष देना गलत’
गंभीर ने कहा कि टीम के मौजूदा हालात के लिए उंगली किसी एक खिलाड़ी या कोच पर उठाना गलत होगा। “अगर हम सच में टेस्ट क्रिकेट को प्राथमिकता देना चाहते हैं, तो सामूहिक प्रयास जरूरी है। सिर्फ खिलाड़ियों या किसी एक व्यक्ति को दोष नहीं दिया जा सकता।”
गंभीर के कार्यकाल में भारत का टेस्ट रिकॉर्ड चिंता बढ़ाने वाला
गंभीर ने मुख्य कोच बनने के बाद टेस्ट क्रिकेट में अब तक 18 में से 10 मुकाबले गंवाए हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ क्लीन स्वीप के बाद चयन और टीम संयोजन में बड़े बदलाव किए गए थे, लेकिन दक्षिण अफ्रीका में हालात लगभग वैसे ही रहे, नतीजा फिर 2-0 की हार के रूप में सामने आया। भारत के शीर्ष क्रम की नाकामी, गेंदबाजों की अनुशासनहीन लाइन-लेंथ और महत्वपूर्ण क्षणों में खराब फील्डिंग टीम के कमजोर प्रदर्शन की मुख्य वजहें रहीं।
आगे क्या?
इस लगातार गिरते टेस्ट प्रदर्शन ने सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या गंभीर इस पद पर बने रहेंगे या बोर्ड कोई कठोर कदम उठाएगा। हालांकि, गंभीर ने यह स्पष्ट किया है कि वह ‘व्यक्तिगत पद’ से अधिक ‘भारतीय क्रिकेट’ को प्राथमिकता देते हैं, और अंतिम फैसला वही स्वीकार करेंगे जो देश और टीम के हित में होगा।
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