नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए विश्व बैंक के आपातकालीन फंड से भारत सहित 25 देशों को 1.9 अरब डॉलर की मदद करने की घोषणा की है. इसमें सबसे बड़ा हिस्सा एक अरब डॉलर भारत को मिलेगा, जो स्वास्थ्य सेवाओं के लिहाज से विश्व बैंक की ओर से भारत को अब तक मिलने वाली सबसे बड़ी रकम है.
भारत को मिलने वाले एक अरब डॉलर से कोरोना वायरस की रोकथाम, पहचान और उपचार के अलावा सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए खर्च किया जाएगा. भारत के बाद सबसे ज्यादा बड़ी रकम पाकिस्तान को 200 मिलियन डॉलर, श्रीलंका को 120 मिलियन डॉलर, अफगानिस्तान को 100 मिलियन डॉलर और इथोपिया को 82 मिलियन डॉलर दिए जाएंगे.
इसके अलावा हैती को 20 मिलियन रैपिड रिस्पांस टीम के लिए, मंगोलिया को 27 मिलियन इमरजेंसी केयर वर्कर्स की ट्रेनिंग के लिए, तजाकिस्तान को 11 मिलियन पूरी तरह से सुसज्जित आईसीयू के लिए, यमन को 27 मिलियन आईसोलेशन और ट्रीटमेंट सेंटर के लिए, फिलिस्तीन को 5.8 मिलियन डॉलर कोरोना संक्रमण के रोकथाम और बचाव के लिए दिए जाएंगे.
विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मालपास ने अगले 15 महीनों में 160 बिलियन डॉलर की मदद की संभावना जताई है. बैंक अधिकारियों के मुताबिक, आपातकालीन संसाधनों में जरूरी चिकित्सा सामग्री – मास्क और वेंटिलेटर की खरीदी के अलावा विश्व बाजार से सामग्री खरीदने में अपने विशेषज्ञों की सेवाएं भी देगी. आपातकालीन फंड से पहले चरण में 25 देशों के बाद अगले चरण में अन्य 40 देशों को शामिल किया जाएगा.