खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों द्वारा ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग में भारतीय तिरंगा हटाने के प्रयास की घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत सुरक्षा के अलग-अलग मानकों को स्वीकार नहीं करेगा. उन्होंने ब्रिटेन पर उच्चायोग के राजनयिकों को सुरक्षा प्रदान करने के दायित्व को पूरा नहीं करने का भी आरोप लगाया, जिसकी अपेक्षा उस देश से की जाती है जहां उच्चायोग या वाणिज्य दूतावास स्थित होता है.

लंदन में राजनयिकों और भारतीय प्रवासियों को खतरे के मुद्दे पर एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जिस दिन उपद्रवी उच्चायोग के सामने इकट्ठे हुए थे, उस दिन ब्रिटेन सरकार उच्चायोग में सुरक्षा के अपेक्षित मानकों को पूरा करने में फेल रही. उन्होंने कहा कि कई देश सुरक्षा मामले में बहुत लापरवाही बरतते हैं. उनकी अपनी सुरक्षा के बारे में बहुत अलग राय होती है और दूसरे लोगों की सुरक्षा के बारे में अलग राय. बावजूद इसके हम इस तरह की कार्रवाई को स्वीकार नहीं करने जा रहे हैं.

भारत में मानवाधिकारों के संबंध में ब्रिटेन में राहुल गांधी की टिप्पणी के संदर्भ में, जयशंकर ने कहा कि भारतीय पासपोर्ट रखने वालों में से अधिकांश देश से गहराई से जुड़े हुए हैं, लेकिन ऐसे कुछ लोग हैं जो वीजा या कहीं और बसने के लिए अपने घर में सताए जाने का दावा करेंगे. मंत्री ने कहा, ‘‘अब आपके यहां कुछ लोग हो सकते हैं जो कभी-कभी इसका दुरुपयोग करते हैं और कहते हैं कि मुझे राजनीतिक रूप से सताया जा रहा है और इसलिए, मुझे रहने की अनुमति दें. तो, यह वास्तव में वीजा का खेल है, जिसे वे राजनीति, मानवाधिकार के नाम पर खेल रहे हैं.” उन्होंने आगाह किया कि देश के विरोधी स्थिति का फायदा उठा सकते हैं.

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