असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पूर्वोत्तर भारत को अलग करने संबंधी बांग्लादेशियों के बयान को गैरजिम्मेदाराना बताया है. मंगलवार को उन्होंने कहा कि बांग्लादेशियों का एक वर्ग बार-बार यह कह रहा है कि भारत के पूर्वोत्तर हिस्से को पड़ोसी देश में मिला दिया जाना चाहिए, जो कि गैरजिम्मेदाराना और खतरनाक बयान है. भारत इस पर चुप नहीं रहेगा.
सरमा बांग्लादेश की नवगठित नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता हसनत अब्दुल्ला के सोमवार के उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर नई दिल्ली उनके देश (बांग्लादेश) को अस्थिर करने का प्रयास करती है, तो ढाका को भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को अलग-थलग कर देना चाहिए और क्षेत्र में अलगाववादी तत्वों को समर्थन देना चाहिए.
बताते चले कि, असम से अवैध घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से कमर कस चुकी है. सितंबर 2025 में असम पुलिस ने 26 कथित बांग्लादेशी घुसपैठियों को पकड़कर उनके देश वापस भेज दिया. सीएम सरमा ने कई मौकों पर दावा किया है कि राज्य सरकार असम को घुसपैठ मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और हर हफ्ते कम से कम 35-40 लोगों को वापस भेजा जा रहा है.
केंद्र की सख्ती के बाद भी बांग्लादेश से बढ़ रही घुसपैठ
केंद्र सरकार की सख्ती के बाद भी बांग्लादेश के घुसपैठियों पर लगाम नहीं लग रही है. पिछले 10 सालों की तुलना में इस साल सबसे अधिक अवैध बांग्लादेशियों ने भारत में प्रवेश का प्रयास किया है. यह जानकारी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा में दी है. उन्होंने बताया कि इस साल नवंबर तक 1,104 बांग्लादेशियों ने घुसपैठ की कोशिश की है, जबकि 2014 से 2024 तक प्रतिवर्ष घुसपैठ की संख्या 1,000 के ऊपर नहीं थी.
इस साल 2,556 अवैध बांग्लादेशी हुए गिरफ्तार
भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठियों की गिरफ्तारी की सूची देखें तो 2014 में 2,160, 2015 में 2,809, 2016 में 1,601, 2017 में 907, 2018 में 885, 2019 में 1,109, 2020 में 955, 2021 में 1,208, 2022 में 2,076, 2023 में 2,617, 2024 में 2,525 लोग गिरफ्तार हुए हैं. इस साल जनवरी से नवंबर तक कुल 2,556 अवैध घुसपैठिए भारत-बांग्लादेश सीमा पर गिरफ्तार हुए हैं. सबसे अधिक घुसपैठिए करीब 380 अक्टूबर में गिरफ्तार हुए.
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