Tejas MK 1a Fighter Jet: स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस मार्क-1ए ने पहली सफल उड़ान भर ली है। इसी के साथ ही देश की रक्षा आत्मनिर्भरता और ‘मेक इन इंडिया’ मुहिम में आज से नया अध्याय जुड़ गया। नासिक में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के प्लांट से देश में निर्मित स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस मार्क-1 ए अपनी पहली उड़ान भरी। इस दौरान केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। इस दौरान केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स के नासिक स्थित तीसरी प्रोडक्शन लाइन शुरू की। उत्पादन केंद्र में अभी आठ फाइटर जेट बनाए जा रहे हैं, जिसे बढ़ाकर 10 किया जा सकता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक हर तेजस मार्क-1ए की औसत कीमत 600 करोड़ रुपए है। फाइटर जेट रफ्तार 2205 किमी/घंटा यानी ध्वनि से भी करीब दोगुनी तेज है। इसका प्रोडक्शन देश की 500 से ज्यादा घरेलू कंपनियों ने मिलकर किया है, इसलिए इसे स्वदेशी तेजस भी कहा जा रहा है।
तेजस 4.5 पीढ़ी का मल्टी-रोल फाइटर जेट है, यह हवाई रक्षा के साथ-साथ जमीन पर हमला करने में भी सक्षम है। भारतीय वायुसेना के पास तेजस विमान पहले ही है, लेकिन तेजस Mk1A एडवांस वर्जन है। इसमें कई नई तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है। पिछले कुछ सालों में तेजस ने कई ट्रायल उड़ाने भरीं, लेकिन यह उड़ान आखिरी तैयारी के रूप में थी। इसी वजह से यह और ज्यादा खास हो गई।
भारतीय वायुसेना को मार्क 1 ए लड़ाकू विमानों की आपूर्ति में तेजी लाने के मकसद हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने महाराष्ट्र के नासिक में तीसरी प्रोडक्शन लाइन शुरू की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसका उद्घाटन किया। इस प्रोडक्शन लाइन के जरिए वायुसेना को 2032-33 तक 180 तेजस विमानों की आपूर्ति करने में मदद करेगी। यहां अभी आठ फाइटर जेट बनाए जा रहे हैं, जिसे बढ़ाकर 10 किया जा सकता है।
नासिक से सालाना 8 विमान वायुसेना में जुड़ेंगे
तेजस लड़ाकू विमानों का उत्पादन बेंगलुरु में पहले से मौजूद दो नए संयंत्रों में हो रहा है, जहां सालाना 16 विमान बनते हैं। नासिक लाइन तीसरी उत्पादन इकाई है। इस संयंत्र की स्थापना 150 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से की गई है, जिससे सालाना 8 और विमान जुड़ जाएंगे, जिससे एचएएल की उत्पादन क्षमता बढ़कर 24 विमान प्रति साल हो जाएगी।
गर्व से चौड़ा हुआ सीना- राजनाथ सिंह
उद्घाटन समारोह में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि नासिक की यह भूमि केवल आस्था की ही नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत और क्षमता की भी प्रतीक है। यहां एक ओर आस्था है, तो वहीं दूसरी ओर इसी नासिक की धरती पर Hindustan Aeronautics Limited का गौरवशाली कैंपस भी राष्ट्र की रक्षा शक्ति का प्रतीक बनकर खड़ा है। सिंह ने कहा, ‘आज जब मैंने नासिक डिवीजन में तैयार किए गए Sukhoi-30, LCA और HTT-40 विमानों की उड़ान देखी, तो मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया। उन जेट्स की उड़ान रक्षा क्षेत्र में भारत की ‘आत्मनिर्भरता की उड़ान’ रही।
अब हम भारत में बना रहे रक्षा क्षेत्री की चीजें- राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री ने कहा कि पहले हम जो कुछ बाहर से खरीदते थे, आज वही चीजें अपने देश में बना रहे हैं। फाइटर एयरक्राफ्ट, मिसाइल, इंजन, इलेक्ट्रिक वेलफेयर सिस्टम, इन सभी क्षेत्रों में भारत ने जबरदस्त प्रगति की है।
तेजस मार्क-1ए की खासियतें
- यह पूरी तरह से स्वदेशी और उन्नत डिजाइन वाला लड़ाकू विमान है।
- लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) का यह एडवांस वर्जन है।
- यह चौथी पीढ़ी का मल्टी-रोल फाइटर जेट है हल्का, तेज़ और सटीक वार करने में सक्षम।
- हर मौसम, दिन-रात और हर ऑपरेशन में यह पूरी तरह सक्षम है।
- यह विमान 5.5 टन से अधिक हथियार ले जाने की क्षमता रखता है और एक साथ कई लक्ष्यों पर हमला कर सकता है।
- इसमें लगा है AESA रडार, बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) मिसाइल सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट और हवा में ईंधन भरने की सुविधा।
इसमें 65 प्रतिशत से अधिक उपकरण स्वदेशी
एमके 1ए के निर्माण में भारतीय कंपनियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसमें लगे 65 प्रतिशत से अधिक उपकरण स्वदेशी हैं। भारतीय वायुसेना को लड़ाकू विमानों की आपूर्ति के लिए 25 सितंबर को नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण अनुबंध किया गया है। इस करार के मुताबिक, 62 हजार करोड़ रुपए से अधिक की लागत से भारतीय वायुसेना को 97 स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट उपलब्ध कराए जाएंगे।
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