नई दिल्ली। न्यूजीलैंड में 9 दिसंबर को हुए ज्वालामुखी विस्फोट (White Island eruption) में घायल भारतीय मूल के अमरीकी उद्यमी प्रताप सिंह की करीबन दो महीने तक चले जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष में मंगलवार को आखिरकार हार गए. इसके पहले हादसे में उनके साथ घायल उनकी पत्नी मयूरी का 22 दिसंबर को निधन हो गया था. पति-पत्नी की मौत के बाद उनके तीनों बच्चे अनाथ हो गए हैं.

अमरीका के अटलांटा शहर में निवासरत 49 वर्षीय प्रताप सिंह बतौर सेवा इंटरनेशनल के अटलांटा चेप्टर के अध्यक्ष होने के नाते भारतीय मूल के लोगों में विशेष स्थान रखते थे. प्रताप अपनी पत्नी मयूरी के साथ न्यूजीलैंड की यात्रा पर थे, जहां 9 दिसंबर को ज्वालामुखी वाले क्षेत्र के भ्रमण के दौरान अचानक व्हाइट आईलेंड में विस्फोट होने से झुलस गए थे. मयूरी जहां 72 फीसदी जल गईं थी, वहीं प्रताप 52 फीसदी झुलस गए थे.

हादसे में झुलसने के बाद दोनों का न्यूजीलैंड की राजधानी ऑकलैंड के मिडिलटन हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था. इलाज के दौरान 22 दिसंबर को मयूरी की मौत हो गई, वहीं 28 जनवरी को प्रताप की मौत हो गई. प्रताप की मौत के साथ व्हाइट आईलेंड हादसे में मरने वालों की संख्या 21 तक जा पहुंची है.

इस मौत के प्रताप के भतीजे भूपेंदर सिंह ने मीडिया से चर्चा में ज्वालामुखी भ्रमण के दौरान सुरक्षा के तमाम उपाय अपनाए जाने पर जोर देते हुए कहा कि ऐसी जगहों के लिए तापरोधी कपड़ों के साथ, सही चश्मे, हेलमेट और फेस मास्क प्रदान किया जाना चाहिए. उन्होंने हादसे में घायल सभी लोगों के स्वस्थ होने की कामना की.