दिल्ली। एलएसी पर भारत और चीन के बीच काफी वक्त से जिस पुल के निर्माण को लेकर मतभेद था और जिस वजह से सोमवार को दोनों देशों की सेनाओं के बीच खूनी झड़प हुई, उस बेहद महत्वपूर्ण पुल को भारतीय सेना के इंजीनियरों ने पूरा कर डाला है।
दरअसल, रणनीतिक तौर पर भारतीय सेना के लिए ये पुल काफी महत्वपूर्ण है। गलवान नदी पर बने इस साठ मीटर वाले पुल के बनने से अब भारत कई मामलों में एलएसी में चीन के खिलाफ मजबूत और बेहतर स्थिति में पहुंच जाएगा। गलवान-श्योक नदी के पूर्वी दिशा में तीन किलोमीटर दूर और दोनों सेनाओं के बीच झड़प वले पेट्रोलिंग पॉइंट-14 से लगभग दो किलोमीटर पीछे बने इस ब्रिज के बनने से भारत को इस स्थान पर रणनीतिक लाभ मिलेगा।
भारतीय सेना के इंजीनियरों द्वारा बनाए गए इस पुल के निर्माण कार्य को रोकने के लिए चीनी सेना लगातार प्रयास कर रही थी और पिछले कुछ दिनों से बार्डर पर बढ़े तनाव का मुख्य कारण भी यही पुल था। यही वजह थी कि चीनी सेना ने पूरी गलवान घाटी पर ही अपना दावा ठोक दिया था। चीनी सेना की तरफ से जारी तमाम रुकावटों के बावजूद भारत की तरफ से निर्माण कार्य को रोका नहीं गया और कम समय में इसे बनाकर तैयार कर लिया गया। इस पुल के बनने के बाद भारतीय पैदल सेना को ठंडी पहाड़ी नदी को पार करने में काफी आसानी होगी।