Operation Sindoor: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के जवाब में इंडियन आर्मी ने आतंक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। भारत की तीनों सेनाओं ने जॉइंट ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान में स्थित कुल 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक करते हुए कार्रवाई की है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले में करीब 90 आतंकियों को मारा गया है। भारत ने इस कार्रवाई को ‘सिंदूर ऑपरेशन’ कहा है। लश्कर-जैश के आतंकी ठिकानों को मिट्टी में मिलाने के बाद भारतीय सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। भारतीय सेना, इंडियन एयर फोर्स (indian air force) और विदेश मंत्रालय ने साझा कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरी कार्रवाई का कर्नल सोफिया कुरैशी (sophia qureshi) और विंग कमांडर व्योमिका सिंह (Wing Commander Vyomika Singh) ने मिनट टू मिनट की जानकारी दी। प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले एयर स्ट्राइक का वीडियो प्ले किया। 10.34 पर वीडियो शुरू हुआ, 10.36 पर खत्म हुआ। कुल 2 मिनट चला।
देश के इतिहास में पहली बार सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयरफोर्स और आर्मी से एक मुस्लिम और एक हिंदू महिला अफसर मौजूद रहीं। आर्मी की कर्नल सोफिया कुरैशी और एयरफोर्स से विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी।
भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के शिकार लोगों को न्याय दिलाने के लिए लॉन्च किया गया। इस कार्रवाई में 9 आतंकी ठिकानों को टारगेट किया गया और उन्हें बर्बाद किया गया।
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कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा कि रात एक बजकर पांच मिनट और एक बजकर 30 मिनट के बीच ऑपरेशन हुआ। पहलगाम में मारे गए पर्यटकों के लिए ऑपरेशन हुआ। पाकिस्तान में 3 दशकों से आतंकवादियों का निर्माण हो रहा है। पाकिस्तान और पीओके में 9 टारगेट पहचाने गए थे और इन्हें हमने तबाह कर दिया। लॉन्चपैड, ट्रेनिंग सेंटर्स टारगेट किए गए।
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कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने प्रेस ब्रीफिंग में एयरस्ट्राइक की जानकारी दी. भारतीय सेना की प्रेस ब्रीफिंग में कर्नल सोफिया कुरेशी ने कहा, “मासूम पर्यटकों और उनके परिवारों को न्याय देने के लिए ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया गया। पाकिस्तान में पिछले तीन दशकों से टेटर इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा था, जो पाकिस्तान और PoK दोनों में फैले हैं। कर्नल सोफिया ने कहा, “9 आतंकी कैंपों को निशाना बनाया गया और ध्वस्त किया गया। पिछले तीन दशकों से पाकिस्तान ने व्यवस्थित तरीके से आतंकी ढांचे का निर्माण किया, जो आतंकी कैंपों और लॉन्चपैड्स के लिए पनाहगाह रहा है। उत्तर में सवाई नाला और दक्षिण में बहावलपुर में स्थित मशहूर प्रशिक्षण शिविर को निशाना बनाया गया।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान निर्दोष नागरिकों का रखा गया ध्यान
कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान यह ध्यान रखा गया कि निर्दोष नागरिकों को नुकसान न पहुंचे। कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, मार्च 2025 में जम्मू कश्मीर के चार जवानों की हत्या की गई थी। उन्हें पाकिस्तान के अंदर स्थित आतंकी कैंप में ट्रेंड किया गया था। मुंबई आतंकी हमले में शामिल आतंकवादियों के ठिकानों को भी टारगेट किया गया।
कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया, मरकज सुभानअल्लाह जैश ए मोहम्मद का मुख्यालय था। यहां आतंकियों को ट्रेंनिंग दी जाती थी। किसी भी सैनिक ठिकाने को निशान नहीं बनाया गया और किसी भी तरह की नागरिक क्षति भी नहीं हुई है।
सवाई नाला मुजफ्फराबाद में लश्कर का ट्रेनिंग सेंटर था
दोनों महिला अफसरों ने कहा- पीओके में सबसे पहले सवाई नाला मुजफ्फराबाद में लश्कर का ट्रेनिंग सेंटर था। सोनमर्ग, गुलमर्ग और पहलगाम हमले के आतंकियों ने यहीं ट्रेनिंग ली। सैयदना बिलाल कैंप मुजफ्फराबाद में हथियार, विस्फोटक और जंगल सर्वाइवल की ट्रेनिंग दी जाती थी। कोटली गुरपुर कैंप लश्कर का है। पुंछ में 2023 में श्रद्धालुओं पर हुए हमले के आतंकी यहीं ट्रेंड हुए थे। बरनाला कैंप भिम्बर में हथियार हैंडलिंग, अब्बास कैंप कोटली यह एलओसी से 13 किमी दूर है। फिदायीन तैयार होते हैं।
हमले का कनेक्शन पाकिस्तान सेः विदेश सचिव विक्रम मिस्री
इससे पहले विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली है। हमलावरों की पहचान भी हुई है। हमारी इंटेलिजेंस ने हमले में शामिल लोगों से जुड़ी जानकारी जुटा ली है। इस हमले का कनेक्शन पाकिस्तान से है। पाकिस्तान दुनियाभर में आतंकवादियों के लिए एक शरण स्थल के रूप में पहचान बना चुका है।
मिस्री बोले- पहलगाम में हुए हमले से आक्रोश है। भारत सरकार ने पाकिस्तान के संबंधों को लेकर कुछ कदम उठाए। यह जरूरी है कि 22 अप्रैल के हमले के अपराधियों और योजनाकारों को न्याय के कठघरे में लाना जरूरी था। वो इनकार करने और आरोप लगाने में ही लिप्त रहे हैं। पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों के बारे में हमें सूचना मिली कि और हमले कर सकते हैं। इन्हें रोकना जरूरी था। इन्हें रोकने के अधिकार का हमने इस्तेमाल किया है। यह कार्रवाई नपी-तुली और जिम्मेदारीपूर्ण है। आतंकवाद के इन्फ्रास्ट्रक्चर को खत्म करने और आतंकियों को अक्षम बनाने पर केंद्रित है। आतंकवाद के इस निंदनीय कार्य के आपराधियों को जवाबदेह ठहराने की आवश्यकता यूएन ने भी कही थी।
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