Nitin Gadkari : केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने मंगलवार को कहा कि भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग अगले पांच वर्षों में दुनिया का नंबर 1 बनने की क्षमता रखता है. इसके साथ ही उन्होंने भारत में लॉजिस्टिक लागत को अगले दो वर्षों में 9 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य भी घोषित किया.
भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग की प्रगति
भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग ₹7 लाख करोड़ से बढ़कर ₹22 लाख करोड़ हो गया है.
वर्तमान में,
अमेरिका: ₹78 लाख करोड़ (पहले स्थान पर).
चीन: ₹47 लाख करोड़ (दूसरे स्थान पर).
भारत: ₹22 लाख करोड़ (तीसरे स्थान पर).
गडकरी का विश्वास: “5 वर्षों में हम भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग को विश्व में नंबर 1 बनाएंगे.”
लॉजिस्टिक लागत में कटौती का लक्ष्य
वर्तमान में,
भारत: 16%.
चीन: 8%.
अमेरिका और यूरोप: 12%.
सरकार का लक्ष्य:
अगले दो वर्षों में इसे 9% तक लाना.
तेज और कुशल परिवहन नेटवर्क के माध्यम से यह लक्ष्य हासिल होगा.
प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स
दिल्ली से देहरादून: यात्रा समय 9 घंटे से घटकर 2 घंटे होगा (जनवरी 2025 तक).
दिल्ली-मुंबई और चेन्नई-बेंगलुरु जैसे मार्गों पर भी यात्रा समय में कमी आएगी.
पर्यावरण के लिए वैकल्पिक ईंधन का महत्व
बायो-इथेनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन का उपयोग करने से:
ईंधन खर्च में कमी.
प्रदूषण में कमी.
हाइड्रोजन फ्यूल
जैविक कचरे से हाइड्रोजन और अन्य उपयोगी सामग्रियां बनाने की योजना.
गडकरी ने बताया कि दिल्ली का 80 लाख टन कचरा हाइड्रोजन उत्पादन के लिए उपयोग किया जा सकता है.
कचरे से पेट्रोल, प्लास्टिक, धातु और कांच अलग करने और उन्हें रिसाइकिल करने की तकनीक पर काम हो रहा है.
गडकरी ने कहा कि देश के ऑटोमोबाइल उद्योग में वैश्विक स्तर पर नेतृत्व करने की क्षमता है. लॉजिस्टिक लागत को कम करने और वैकल्पिक ईंधनों को अपनाने जैसे कदम भारत को आत्मनिर्भर और पर्यावरण के अनुकूल विकास की दिशा में ले जाएंगे.
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