नई दिल्ली. बंटवारे के बाद रविवार की शाम पाकिस्तानी महिला के लिए खुशियों की सौगात लेकर आई. करतारपुर कॉरिडोर पर एक पाकिस्तानी महिला ने अपने भारतीय भाई को गले लगाया भाई को देखकर वह रोने लगी.

  दरअसल, पाकिस्तान के शेखपुरा के गुरदास गांव की रहने वाली सकीना वी अपने भाई गुरमेल सिंह ग्रेवाल की तलाश कर रही थी जो कि अब जाकर पूरी हुई. 1961 में अपनी मां को लिखे एक लेटर की खोज के बाद से सकीना अपने भाई की तलाश करने में लगी थी. उनकी तलाश को पूरी करने में करतापुर कॉरिडोर ने अहम रोल अदा किया. दोनों देशों के बीच चार किलोमीटर का यह गलियार प्रेम, आशा और रिश्तेदारी की अदम्य भावना का जरिया बन गया है. 74 साल की सकीना अपने की तलाश कर रही थी जो कि अब जाकर पूरी हुई. इस पुनर्मिलन को पाकिस्तानी यूट्यूवर नासिर ढिल्लन ने अपने पंजाबी लहर प्रोजेक्ट के जरिए से संभव बनाया, जोकि दोनों देशों के बंटवारे में बटे लोगों के परिवारों को जोड़ने का काम कर रहा है.

  पिछले साल ढिल्लन ने सकीना की अपने लंबे समय से खोए हुए भाई से भावनात्मक अपील का एक विडियो अपलोड किया था. इसने लुधियाना के जस्सोवाल सूदन गांव के सरपंच जगतार सिंह का ध्यान खींचा. इन्होंने पुष्टि की कि गुरमेल सिंह उनके गांव में रहते थे. यह कहानी बंटवारे के समय की है जब सकीना की मां करमते वी का लुधियाना के नूरपुर गांव से अपहरण कर लिया गया था.

  जबकि उनका बाकी परिवार पाकिस्तान पहुंच गया था. रविवार शाम को जब भाई बहन के मिलने का मौका आया तो गुरमेल अवाक रह गया. सकीना ने अपने भाई को कसकर गले लगा लिया और खूब रोने लगे.

बहन के लिए लेकर आए थे खास बिस्किट

गुरमेल अपनी बहन के लिए अपने गांव में बने खास बिस्किट लाए थे. बदले में सकीना ने गुरमेल को एक घड़ी और एक चांदी की राखी गिफ्ट में दी. जो भाई-बहन के शाश्वत बंधन का प्रतीक है. सकीना अपनी बेटियों बेटों, दामादों और उनके बच्चों सहित 16 सदस्यीय रिसेप्शन पार्टी के साथ गलियारे में पहुंची.

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