दिल्ली. भारत में क्रिकेट के अलावा बाकी खेलों पर सरकार औऱ लोग शायद ही ध्यान देते हों. खिलाड़ियों की हालत में कोई खास सुधार नहीं हुआ है. कुछ खेल तो ऐसे हैं जिनके बारे में देश में न तो मीडिया औऱ न ही खेल मंत्रालय चर्चा तक करता है. ऐसे ही एक खेल में भारतीय खिलाड़ियों ने झंडा गाड़ दिया है.
साइक्लिंग एक ऐसा खेल है जिसके बारे में देश में न तो ज्यादा लोग जानते हैं औऱ न ही लोगों को इस खेल के बारे में ज्यादा दिलचस्पी है. खास बात तो ये है कि सरकार भी साइक्लिंग को लेकर न तो गंभीर है न ही उसके पास इस खेल औऱ इसके खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने की कोई योजना है.
इन सबके बावजूद भारतीय खिलाड़ियों ने देश का नाम ऊंचा कर दिया है. ट्रैक एशिया कप साइक्लिंग प्रतियोगिता में भारतीय साइक्लिस्टों ने 6 गोल्ड, 5 सिल्वर औऱ 2 ब्रांज मेडल जीतकर देश का नाम रौशन किया. भारत इस प्रतियोगिता में इतने पदकों के साथ नंबर वन की पोजीशन पर रहा.
जहां पुरुष साइक्लिस्टों ने अपना जलवा कायम रखा वहीं हमारी महिला खिलाड़ियों ने भी कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ी. उन्होंने भी गोल्ड औऱ अन्य पदकों को अपनी झोली में डाला. 200 मीटर प्रतियोगिता में देश की मयूरी लूटे ने नया रिकार्ड बनाते हुए गोल्ड पर कब्जा किया.
देश में साइक्लिंग को लेकर न तो लोगों में कोई जागरूकता है औऱ न ही सरकार इस खेल को बढ़ावा देने के कोई खास प्रयास कर रही है बावजूद इसके भारतीय खिलाड़ियों का एक अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में नंबर वन पोजीशन हासिल करना गौरव की बात है. उम्मीद है कि सरकार इन खिलाड़ियों के लिए शायद कुछ करे.